जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: भाजपा से शीतल, सपा से पूजा ने किया नामांकन, छावनी में तब्दील रहा कलेक्ट्रेट

June 27, 2021 12:29 AM0 commentsViews: 1685
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कलेक्ट्रेट परिसर में समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचीं दोनों प्रत्याशी

अजीत सिंह

फोटो फाइल: भाजपा प्रत्याशी शीतल सिंह व पूजा यादव

सिद्धार्थनगर। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शनिवार को भाजपा समर्थित प्रत्याशी शीतल सिंह और सपा समर्थित पूजा यादव ने नामांकन पत्र दाखिल किया।  कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों प्रत्याशियों ने समर्थक और प्रस्तावकों के साथ कलेक्ट्रेट कक्ष में बने काउंटर पर पहुंचकर नामांकन किया। सुरक्षा के मद्देनजर साड़ी तिराहा से कलेक्ट्रेट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कलेक्ट्रेट में प्रत्याशी के साथ केवल उनके बेहद खास समर्थक और प्रस्ताव को ही प्रवेश करने दिया गया। अन्य लोगों को गेट से वापस कर दिया गया।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तीन जुलाई को चुनाव होना है। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए वार्ड नंबर 32 से निर्विरोध जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं शीतल सिंह पत्नी उपेंद्र प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जबकि सपा ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी वार्ड नंबर 17 से जिला पंचायत सदस्य चुनी जाने वाली पूजा यादव पत्नी रामकुमार उर्फ चिनकू यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। चुनाव मैदान में भाजपा और सपा आमने सामने हैं।

नामांकन दाखिल करने जाती हुई भाजपा प्रत्याशी श्रीमती शीतल सिंह

कौन किसका बना प्रस्तावक और अनुमोदक

शीतल सिंह के नामांकन प्रक्रिया में वार्ड नंबर दो से जिला पंचायत सदस्य मीना देवी प्रस्तावक थीं, जबकि अनुमोदक के रूप वार्ड नंबर एक से सदस्य सबलू साहनी रहे। इन्होंने दो सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया है। इनके साथ पति उपेंद्र सिंह और जिलाध्यक्ष गोविंद माधव अंदर गए थे। कुछ देर बाद ही सपा समर्थित प्रत्याशी पूजा यादव भी पहुंचीं और नामांकन किया। उनके प्रस्ताव के रूप में वार्ड नंबर 27 से अंकित दुबे और अनुमोदक के रूप में वार्ड नंबर 21 से सदस्य पूजा यादव थीं। इन्होंने एक सेट पर्चा भरा है। उनके साथ पति रामकुमार उर्फ चिनकू यादव और सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव गए थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल करके आमने सामने की दावेदारी पेश की।

नामांकन दाखिल करने जाती हुई सपा प्रत्याशी पूजा यादव

सपा भाजपा के दिग्गजों को नहीं मिला अंदर प्रवेश

नामाकंन पत्र दाखिल किए जाने को लेकर दोनों दलों के नेता और समर्थकों की पार्टी कार्यालय पर भारी भीड़ थी। भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद द्विवेदी, सांसद जगदंबिका पाल, विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक श्यामधनी, विधायक चौधरी अमर सिंह और भाजपा कार्यकर्ता साथ गए, लेकिन नियम का हवाला देते हुए पुलिस प्रशासन ने कलेक्ट्रेट गेट से ही सभी को वापस कर दिया।

वहीं सपा समर्थित प्रत्याशी के साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, उग्रसेन प्रताप सिंह, पूर्व विधायक विजय पासवान, पूर्व चेयरमैन जमील सिद्दीकी, जिला पंचायत सदस्य अनिता द्विवेदी, प्रधान सोनू यादव, विजय यादव को भी प्रशासन ने गेट पर ही रोक दिया। नियम की बात करते हुए दोनों दल के लोगों को वापस कर दिया गया।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को रोका
साड़ी तिराहे पर पहुंचने के बाद पुलिस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और पूर्व विधायक विजय पासवान, सपा नेता चिनकू यादव को रोक दिया गया। लगभग 20 मिनट हुई बहस के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को जाने दिया गया, जबकि अन्य नेताओं को रोक दिया गया। सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन पर ज्यादती करने का आरोप लगाया।

पुलिस छावनी बना रहा कलेक्ट्रेट
नामांकन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था। सनई चौराहे पर ही बैरिकेडिंग कर वाहनों को पकड़ी के रास्ते भेजा गया। उसके बाद साड़ी तिराहे पर कलेक्ट्रेट जाने वाले रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। यहां जानकारी लेने के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया गया। वहीं कलेक्ट्रेट गेट और अंदर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। हर प्वांइट पर निरीक्षक और उप निरीक्षक तैनात थे।

इन्होंने संभाली सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी

एसपी रामअभिलाष त्रिपाठी और एएसपी सुरेशचंद रावत भ्रमण करके सुरक्षा का जायजा लेते रहे। वहीं सुरक्षा व्यवस्था में सीओ सदर राणा महेंद्र प्रताप सिंह, सीओ प्रदीप कुमार यादव, सीओ अरुनचंद, उमेशंचद पांडेय, अजय कुमार श्रीवास्तव के अलावा एसओ सदर केडी सिंह, शोहरतगढ़ आरबी सिंह, त्रिलोकपुर रणधीर मिश्र, ढेबरुआ डीसी चौधरी, मोहाना जय प्रकाश दुबे, मिश्रौलिया पंकज कुमार पांडेय, कपिलवस्तु महेश सिंह सहित अन्य थानाध्यक्ष मौजूद रहे।

सपाइयों की रोकी गाड़ी, भाजपा का अंदर पहुंचा काफिला
भाजपा का झंडा लगए दो दर्जन से अधिक गाड़ियां पार्टी कार्यालय से कलेक्ट्रेट गेट के पास तक खड़ी दिखीं। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को कलेक्ट्रेट के अंदर तक जाने में 20 मिनट तक बहस करना पड़ा। इस दौरान पुलिस प्रशासन का सत्ता की ओर झुकाव नजर आया।

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