संत कबीर ने कहा है- बिन पानी सब सून मोती मानस चून

June 11, 2019 6:32 PM0 commentsViews: 554
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निज़ाम अंसारी

शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। गर्मी का मौसम अपने प्रचण्ड तापमान पर चल रहा है। देश में तापमान कहीं 45 डिग्री है तो कहीं 38 कहीं 40 है। ये सब प्रकृति का खेल है। मगर इन चीजों को सैकड़ों साल पहले ही संत कवीरदास ने अपने दोहे के माध्यम से पानी की अहमियत बता चुके है जो आजकल मौसम विभाग बता रहा है।

अब जरा आंकड़ों पर एक नजर डालते है देश की आज़ादी के समय भारत की आबादी लगभग 31 करोड़ थी और एक आदमी पर 6000 लीटर सालाना पानी उपलब्ध था यानी संसाधन बहुत ज्यादा थे और आज 2019 में स्थित यह हो गई है कि एक आदमी पर पानी की उपलब्धता लगभग सालाना 900 लीटर ही है।

गौर करने वाली बात यह है कि वर्तमान समय में हर आदमी अपने रोजमर्रा की जरूरतों जैसे नहाना कपड़े धुलना और पीने में लगभग 40 लीटर पानी खर्च करता है। जो कि प्रकृति द्वारा उपलब्ध सालाना संसाधन की अपेक्षा दो महीने में ही खर्च कर देता है। यही कारण है कि आज एक जनपद में ही नहीं पूरे प्रदेश व देश में पानी एक आपदा के रूप में मुंह बाये खड़ी है।

आज इसी संबंध में कस्बे के कुछ जागरूक लोगों से इस विकराल समस्या के बारे में चर्चा की गई तो सबसे पहले कस्बे के चर्चित इंजीनयर एज़ाज़ अंसारी ने बताया कि जिले ही नहीं पूरे प्रदेश बेतरतीब कंक्रीट के जंगल बिना अच्छी प्लानिंग के न होने के कारण और प्राकृतिक जल संसाधनों जैसे झील तालाब पोखरों नदियों का अतिक्रमण करके उन पर मकान बना दिये जाने के कारण जल स्रोतों में भारी कमी आई है प्रशासन को प्राकृतिक जल संसाधनों को अतिक्रमण मुक्त करना होगा।

पूर्व सभासद वकील खान ने इस समस्या पर बेबाक रूप से और कड़ी प्रतिक्रिया दी। खान ने बताया कि नेतागिरी एक बड़ा कारण रही है इस जिले में और देश में भी नेताओं ने कभी हिन्दू मुस्लिम मंदिर मस्जिद से आगे किसी और समस्या की तरफ जनता का ध्यान दिलाया ही नहीं कि पानी जैसी भी कोई समस्या आ सकती है जो मंदिर मस्जिद से कहीं ज्यादा बड़ी है। नेताओं ने हमेशा ऐसे ही मुद्दे को उठाया है जिससे ज्यादा वोट मिले।

नगर पंचायत में पानी की बढ़ती समस्या के बारे में वर्तमान सभासद संजीव जैसवाल का कहना है कि कस्बे के दसों वार्डों में इंडिया मार्का हैंड पंप लगे है लेकिन सिर्फ तीन नल ही ऐसे है जहां साफ पीने योग्य पानी निकलता है जिस पर कई वार्डों के लगभग तीन हजार लोग लाभान्वित होते हैं शेष नल एक दम से खराब हैं या दूषित जल वर्षों से निकलने के कारण कोई प्रयोग नहीं होता है और जहां तक मेरे संज्ञान में है पिछले दस वर्षों में  नगर पंचायत में कोई भी नया नल नहीं लगा है जिस कारण से नगर वासियों को पीने के पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।

रिपोर्टर ने कस्बे के युवा चिकित्सक डा. शादाब अंसारी से जब नगर में पेयजल संकट के संबंध में जानना चाहा तो उनका कहना था कि कस्बे में जब तक हजार पेड़ नहीं होंगे तब तक पानी की समस्या बनी रहेगी क्योंकि वृक्ष पानी के स्तर को जमीन की ऊपरी सतह तक खींचे रहते हैं।

बताते चलें कि इस भीषण गर्मी में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस की ऊंचाई छू रहा है वाटर लेवल कम होने से नलो ने काम करना बंद कर दिया  नलों में पानी ना आने की वजह से मोटर को भी पानी उठाने में पसीने छूट रहे हैं पढ़े लिखे लोगों द्वारा रात में 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच मोटर से पानी भरने का तजुर्बा भी फेल साबित ही रहा है। जिस कारण लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है|

नगर में ओवरहेड टैंक से भी काफी कम पानी छोड़ा जा रहा है इस कारण जिस कारण लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कत हो रही है हैंडपंपों से पानी भर कर ला रही है और जिनके घरों के आस-पास हैंड पंप नहीं लगे हुए हैं उन्हें पानी के लिए काफी टूट जाना पड़ रहा है जून के शुरुआती महीनों में बारिश ना होने की वजह से वाटर लेवल गिरने से नलों में पानी नहीं आ रहा है|

वरिष्ठ नेता अल्ताफ हुसैन ने कहा है पानी की समस्या शोहरतगढ़ कस्बे के लिए बहुत बड़ी समस्या है, जल्दी ही समस्या का कोई समाधान होना चाहिए, नहीं तो कस्बे में पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा |

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