नहीं रहे कल्लू चाचा, फज्र की नमाज के बाद एक्सीडेंट में गंवाई जान, पूरा इलाका गम में डूबा
नजीर मलिक
इटवा तहसील के झकहिया गांव के 52 वर्षीय कल्लू चाचा नहीं रहे। फैजुल्लाह उर्फ कल्लू चाचा को शनिवार की सुबह फजर की नमाज के बाद घर आते समय वक्त एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इटवा इलाके में उनकी मौत के बादहर तरफ माहौल गमगीन है।
फैजुल्लाह उर्फ कल्लू चाचा रोजाना सुबह नमाज के बाद मानिर्गं वाक करते थे। वह दिल और शुगर के मरीज थे। फजर की नमाज के बाद सुबह 5 बजे मार्निग वाक उनका शौक नहीं था, जरूरत थी उनकी।
रोजाना की तरह शनिवार की सुबह भी जब वह 5ः30 बजे टहल कर घर वापस हो रहे थे, तो झकहिया चौराहे के पास झकहिया-कठेला मार्ग पर यूपी 47 बी 1587 ट्रक ने उन्हें पीछे से जोरदार ठोकर मार दी। जिससे कल्लू चाचा की वहीं पर र्ददनाक मौत हो गयी। ड्राइवर ट्रक छोड कर भाग निकला। ट्रक तुलसीपुर की बतायी जा रही है।द कल्लू चाचा का घर झकहिया चौराहे पर है।
खबर है कि कल्लू चाचा की मौत की खबर जंगल में आ की तरह पूरे इलाके में फैल गई। हजारों लोग उनके आवास पर जमा हो गये। चालक मौके से फरार हो गया। ट्रक पुलिस के कब्जे में है।
दरअसल कल्लू चाचा नेता या समाजसेवी नही थे। लेकिन वह बगरीब की सेवा में सदा आगे रहते थे। यही वजह है कि तमाम राजनीतिक उनका समर्थन पाने के लिए परेशान रहते थे।
कल्लू चाचा की मौत पर उनके करीबी बसपा नेता पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम, बसपा नेता इसरार अहमद, इजहार अहमद शबीहुल हसन, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद तिवारी आदि ने उनके प्रति शोक व्यक्त किया है।
समाचार लिखे जाने तक उनकी लाश पीएम हाउस से रवाना हो रही थी। हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे। मिटृटी संभवतः रविवार सुबह ही हो सकेगी।