कल्लू चाचा की मौत हादसा नहीं, उनका साजिशन कत्ल हुआ, मुकदमा कायम कर जांच शुरू
नजीर मलिक
तीन दिन पूर्व ट्रक की टक्कर में मारे गये सामाजिक कार्यकर्ता फैजुल्लाह उर्फ कल्लू चाचा की मौत हादसा नहीं था, बल्कि उनकी मौत एक साजिश थी। इसकी तहरीर ढेबरुआ थाने में दी गई है। ढेबरुआ थाने में मामले का मुकदमा कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
इटवा इलाके के ग्राम झकहिया के रहने वाले फैजुल्लाह उर्फ कल्लू चाचा के बेटे अब्दुल्लाह ने ढेबरुआ थाने में सोमवार को तहरीर देकर कहा है कि उनके पिता की साजिशन हत्या की गई, जिसकी जांच कर दोषी को सजा जरूरी है।
अब्दुल्लाह की तहरीर पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 279 और 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। तहरीर में साजिश का खुलासा नहीं है, इसलिए मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया गया है।
कपिलवस्तु पोस्ट को खबर मिली है कि मृतक कल्लू चाचा गांव में तकरीब तीस लाख की जायदाद खरीदने के मामले में दिलचस्पी ले रहे थे। कुछ लोगों को यह पसंद नहीं था। इसलिए अंदेशा है कि उनकी हत्या के पीछे उन्हीं लोगों की साजिश है।
चर्चा है कि विरोधियों ने उस मार्ग से चलने वाले एक ट्रक ड्राइवर को पटाया और रोजाना मार्निंग वाक करने वाले कल्लू चाचा की दुर्घटना की ओट में हत्या करा दी। दरअसल शुगर के मरीज कल्लू चाचा रोजाना सुबह की नमाज के बाद घर से सटी सड़क पर मार्निंग वाक करते थे।
खबर लिखे जाने तक पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कल्लू चाचा सियासी आदमी नहीं थे। लेकिन वह पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम के करीबी थे। गरीब की मदद करना उनकी आदत थी। 52 साल के इस शख्स को लोग प्यार में कल्लू चाचा कह कर बुलाते थे। वह अपने इलाके में बहुत लोकप्रिय थे।
इस बारे में पुलिस क्षेत्राधिकारी का कहना है कि तहरीर थाने को मिल गई है। मामले की जांच की जा रही है। अगर यह मामला साजिश है तो मुजरिम माफ नहीं किए जायेंगे।
बताते चलें कि पिछले शनिवार को झकहिया में फजर की नमाज के बाद साढे पांच बजे सड़क पर चहलकदमी के दौरान एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी थी। जिससे उनकी मौत मौके पर हो गई थी। फिलहाल ट्रक चालक फरार है जबकि ट्रक पुलिस के कब्जे में है।