छठीं शताब्दी का मूल कपिलवस्तु पिपरहवा में स्थित था- कुलपति सुरेन्द्र दुबे
देवेश श्रीवास्तव
बर्डपुर, सिद्धार्थनगर। तमाम विवादों के बावजूद सिद्धार्थ नगर की पुरातात्विक खुदाइयों ने यह सिद्ध कर दिया कि छठी शताब्दी ईसापूर्व का गौतम बुद्ध से सम्बंधित मूल कपिलवस्तु, भारत के पिपरहवा में ही स्थित था।
यह बात सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे जी ने प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक आनलाइन व्याख्यान कार्यक्रम में उद्बोधन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि तमाम शोधों के बाद यह प्रमाणिक हो चूका है औरविश्व ने इसे स्वीकार भी कर लिया है।
यह आनलाइन व्याख्यान ” प्राचीन इतिहास के स्रोत” विषय पर आयोजित था। इसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. प्रशान्त श्रीवास्तव जी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। विषय पर बोलते हुए प्रो. श्रीवास्तव ने प्राचीन भारत के विविध ऐतिहासिक स्रोतों के महत्व को समझाते हुए, इस तथ्य को भी उद्घाटित किया कि आज वो साहित्यिक स्रोत, इतिहास के पुनर्निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं। जिन्हें कभी महत्वहीन समझा जाता था। इस व्याख्यान से प्राचीन इतिहास से सम्बंधित कई नवीन तथ्य उद्घाटित हुये।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र दुबे जी ने की । इस कार्यक्रम में अथितियों का स्वागत डॉ. नीता यादव, संचालन डॉ. शरदेन्दु कुमार त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वन्दना गुप्ता ने किया । इस आनलाइन व्याख्यान में अनेक विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के शिक्षकों समेत सैकड़ों छात्र तथा छात्राओं ने भाग लिया ।
कपिलवस्तु, सिदार्थनगर। मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। रविवार को दिन में दोपहर बाद धूप निकलने से लोगों को राहत हुई। शाम होते ही सर्द हवा के बीच गलन ने लोगों को कंपा दिया।शहर से लेकर देहात तक शाम होते की कोहरे ने राहगीरों को परेशान किया। खासकर दोपहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। शाम को गलन के चलते झुग्गी झोपड़ी में गुजर-बसर करने वालों को परेशान होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार का फरमान की गांव शहर के चौराहों पर अलाव का इंतजाम किया जाये।लेकिन इसका अशर कम देखने को मिल रहा है, वही क्षेत्र के ग्राम सभा बजहा के प्रधान मो इब्राहिम ने रविवार को लकड़ी खरीद गांव में अलाव का व्यवस्था कराया है,जिसकी ग्रामीणों ने सराहना की है, अलाव से लोगो को कुछ राहत जरूर मिली है, इसके बावजूद गलन से लोग परेशान हुए। वही अन्य ग्रामीण इलाकों का हाल यह है कि कहीं भी चौराहों पर अलाव का इंतजाम नहीं है। जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।