खुनुवां चौकी क्षेत्र तस्करों केलिए सुरक्षित, 5 कुुंतल कनाडियन मटर फिर पकड़ा गया
— लॉक डाउन में बेरोजगार हुए युवा भी तस्करी में
निजााम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। खुनुआ क्षेत्र में हो रही तस्करी लगातार क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। समय समय पर एसएसबी द्वारा धरपकड़ की कार्यवाही प्रायः देखने सुनने को मिलती है, जिसके क्रम में बुधवार को नेपाल से भारत आ रहे एक ट्रक में 500 किलोग्राम कनाडियन मटर भारतीय सीमा में प्रवेश करती एसएसबी की चेकिंग में पकड़ी गई। इसके बावजूद शोहरतगढ़ थाना अंतर्गत खुनुवां चौकी से संबंधित क्षेत्र से तस्करों और तस्करी के माल का आना जाना लगातार जारी है।
बताया जाता है कि तस्करी को लेकर अब हालात और भी बदल गए हैं। लॉक डाउन के दौरान जिनकी रोजी रोटी व दुकानें बंद हुई हैं, वह भी तस्करी के धंधे में हाथ आजमा रहे हैं । तस्करों के साथ सोने पर सुुहागा तब हो जाता है जब उन्हें नेपाल बॉर्डर से लेकर भारतीय क्षेत्र स्थित डंपिंग यार्ड तक सुरक्षित आवागमन उपलब्ध करादिया जाता है। यह सुरक्षा व्यवस्था कौन कर रहा है और कौन कौन तस्करी में मददगार हैं, इसे सभी जानते हैं।
नेपाल बॉर्डर से कस्बा शोहरतगढ़ तक चाइनीज मटर को लाने में लगभग आधा दर्जन सुरक्षा मानदंड हैं, जिसे पार करके वह शोहरतगढ़ कस्बे में विगत दो वर्षों से आ रहे हैं । भारतीय क्षेत्र में मटर दाल की कीमत और नेपाल के बाजारों में मटर डाल की कीमतों में भारी अंतर बताया जा रहा है। यही हाल छुहारे का भी है नेपाल में 160 रुपये किलो से लेकर 180 रुपये किलो की कीमत है जो भारतीय क्षेत्र में आते ही 250 रुपये किलो हो जाता है।यही वह अंतर है जिससे बह रही करोड़ो की गंगा में सभी डुबकी लगा रहे है।
शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के खुनुवां चौकी से सटे गांव परसौना, भादइ मुस्तहकम, पकडीहवा और रंग पुर नेपाल सीमा से सटे गांव हैं जहां से भारत के शोहरतगढ़ कस्बे में तस्कर दुकान दुकान और जिले के प्रमुख कस्बों तक बेरोकटोक पहुँचाते हैं। भारत-नेपाल की खुली सीमा के रास्ते थाना शोहरतगढ़ क्षेत्र में नेपाल के रास्ते से चायनीज मटर, दाल व छुहारे की तस्करी जोरों पर हो रही है।