सिद्धार्थनगर पुलिस जुल्म प्रकरणः चौकी प्रभारी व दीवान पर हत्या के प्रयास का मुकदमा, थानाध्यक्ष भी संस्पेंड
— सकारपार चौकी प्रभारी ने रिंकू पांडेय पर किेया था अमानुषिक जुल्म, विडियो हुआ था वायरल, प्रदेश भर में मच गया था शोर
नजीर मलिक
“नेपाल सीमा से सटे यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में एक युवक की वहशियाना तरीके से पुलिस द्धारा पिटायी का विडियो वायरल होने के बाद जनाक्रोश को महसूस करते हुए पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने सकाjपार चौकी इंर्चाज वीरेन्द्र मिश्र और दीवान महेन्द्र प्रसाद पर हत्या के प्रयास का मुकदमा करने के आदेश दिया है। उन्हें परसों सस्पेंड किया गया था। इसी के साथ एसपी ने खेसरहा थाना इंचार्ज को भी कल सस्पेंड कर दिया। सकारपार चौकी उन्हीं के थाने में आता है। उन पर भी कर्तव्य में लापरवाही का आरोप है।”
बताया जाता है कि सकारपार पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम कुड़जा निवासी पुलिस जुल्म का शिकार रिंकू पांडेय उर्फ रामेश्वर पांउेय पुत्र योगेन्द्रनाथ पांडेय ने शुक्रवार यानी 13 सितम्बर को खेसरहा थाने में, अपने साथ चौकी इंचार्ज वीरेन्द्र मिश्र व हवलदार महेन्द्र प्रसाद द्धारा किए गये अमानुषिक हिंसा की तहरीर देकर उनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी, जिस पर पुलिस ने लीपा पोती करते हुए 323, 504 व 166 जैसी मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन जब शाम को मुख्यधारा की मीडिया में इस कांड की गूंज के चलते रात साढे ११ बजे प्रेसनोट के माध्यम से मीडिया को बताया कि इस प्रकरण में मुकदमे को परिवर्तित कर धारा 307 लगाया गया है। जांच का काम अपराध शाखा को सौंपा गया हैं
क्या था पूरा मामला ?
बतााते चलें कि बीते दस सितम्बर यानी मुहर्रम के दिन २९ साल का रिंकू अपनी ४ साल की भसीतीजी के साथ अपनेगांव कुड़जा जा रही था। मगर सकारपार वौराहे पर वाहन चेकिंग के नाम पर उसे चौकी प्रभारी वीरेन्द्र मिश्र ने रोक लिया। गाड़ी के कागजात मांगने पर रिंकू ने बताया कि वह पास ही का है, अभी लाकर दे देगा।
बताते हैं कि इस वार्ता में जाने कौन सी बात दारोगा को बुरी लगी कि उसने अपने सहयागी महेन्द्र के साथ रिंकू को बाइक से खींच कर चौराहे पर गिरा दिश और उसकी पिटाई करने लगे। इसकी तीन साल की भतीजा जब भी अपने पिटते चाचा के पास जाती, पलिस वाले उसे हटा देते और पीटने लगते। उन्हें अस बच्चेी पर भी तरस नहीं आया। इस दौरान सैकड़ों लोगों के बीच रिंकू की पिटाई की पिटाई होती रही, लेकिन कोई तमाशबीन मदद को आगे नहीं आया। इस बीच न जाने किसने पूरे प्रकरण का विडियो 12 तारीख को सार्वजनिक कर दिया। इसके बाद मामला मीडिया की सुर्खियों में आ गया।
खेसरहा एसओ के सस्पेंशन पर एसपी बोले
दूसरी तरफ उसी क्रम में खेसरही थाने के थानाध्यक्ष राम आशीष यादव को भी इसी प्रकरण में स्स्पेंड कर दिया गया है। इस बारे में एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि प्रकरण उनके थाना क्षेत्र का है। उन्होंने समय रहते अपने कर्तव्य को सही तरीके से अंजाम नहीं दिया। इसलिए वह भी जिम्मदारी से बरी नहीं हैं। बहरहाल जिले में उस्का में पुलिस जुल्म प्रकरण के एक पखवारे के अंदर घटित दूसरी घटना बताती है कि यहां कानून का इकबाल कितना बुलंद है?