एक साल भी नहीं निभा सका साथ, 18 साल की पत्नी खुश्बू को फंदे से लटका कर मार डाला
अमित श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। खुश्बू पिछली साल की तेईस फरवरी को विदा होकर बड़े अरमानों के सााि अपनी ससुराल आई थी, आज के दसवें दिन उसकी शादी को एक साल पूरे होने थे, लेकिन दहेज के दानव ने उसे लील लिया। यह सनसनी घटना रविवार दोपहर मिश्रौलया थाना क्षेत्र के बारिकपार गांव के हरिगंज टोले में घटी।
बताया जाता है कि हरिगंज में लगभग 1 बजे कोहराम मच गया। पता चला कि गांव के कन्हैया निषाद की पत्नी 18 साल की खुश्बू की लाश घर की छत के पंखे से लटकी हई है। खबर पाकर मिश्रौलिया पुलिस और सीओ इटवा दीप नारायण त्रिपाठी मौके पर पहुंच गये और मामले की छानबीन में लग गये। खुश्बू की लाश मिलने की खबर पर वहां पूरे गांव की भीड़ जुट गई।
घटना की सूचना पाकर उसी थाना क्षेत्र के गांव गनोरा से खुश्बू की मां मोहरमती भी मौके पर पहुची और बताया कि उसकी बेटी की दहेज के लिए हत्या की गई है। उसने इसके लिए खुश्बू के पति कन्हैया और उसकी मां को जिम्मेदार ठहराया। बिलखती मां ने कहा कि वह शादी के एक साल भी चैन से काट न सकी।
मोहरमती का कहना था कि गौने के तत्काल बाद से ही दहेज के लिए उसकी बेटी को मोरापीटा जा रहा था। लेकिन वह ससुरालियों की मांग पूरी कर पाने में असमर्थ थी, लिहाजा उसे मार कर फांसी के फंदे से लटका दिया गया। खुश्बू की मौत पर उसकर मां ही नहीं पूरा गांव गमगीन था।
हांलाकि कुछ लोग इसे आत्महत्या भी मान रहे हैं, लेकिन लड़की की मां हत्या के आरोप पर अटल है। उसने दामाद कन्हैया और उसकी मां के खिलाफ तहरीर भी दी है।इस बारे में सीओ इटवा का कहना है कि तहरीर मिली है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रयास चल रहा है। वैसे यह हत्या है या दहेज उत्पीडपन के फलस्वरूप हुई आत्महत्या, इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा।
बहरहाल खुश्बू की हत्या न भी की गई हो‚ मगर दहेज की वेदी पर जिस प्रकार उसकी बलि चढ़ी‚ वह किसी हैवानियत से कम नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि दोशी को कड़ी सजा दिया जाना बेहद जरूरी है।