मुम्बई के कुर्ला बांद्रा काम्प्लेक्स में किसानों ने अम्बानी का कार्यलय घेरा

December 23, 2020 2:47 PM0 commentsViews: 311
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मो. जावेद


कुर्ला, मुम्बई। दिल्ली में २६ नवम्बर से चल रहा किसान आंदोल व्यापक होकर अब महाराष्ट्र में भी धारदार होता जा रहा है। इस के समर्थन में वहां के किसानों ने गत दिवस मुम्बई के कुर्ला बांद्रा काप्लेक्स स्थित काम्प्लेकस को घेर लिया। किसानों ने सरकार और अंबानी के विरोध में जम कर नारे लगाये और कृषि कानून को काला कानून बता कर उसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग की।

इस मौके पर महाराष्ट्र व पंजाब के नेताओं ने संबोधित किया। संघर्ष समिति  के नेताओं ने कहा है कि सरकार ने कानून की धारावार आलोचना प्रस्तुत करने के लिए मजबूर किया, फिर खुद इनमें से 8 सवाल चुन लिए और कह रही है कि इन्हें हल करने को तैयार है। संघर्ष समिति ने कहा कि कृषि मंत्री तोमर लोगों की आंख में धूल झोंंक रहे हैं। समिति ने भाजपा शासित हरियाणा, यूपी में गिरफ्तारी व दमन की निन्दा की है।

संघर्ष समिति के वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि कृषि मंत्री का पत्र दिखाता है कि सरकार किसानों की 3 नये खेती के कानून रद्द करने की मांग को हल नहीं करना चाहती। इनमें समस्या कानून के उद्देश्य में ही लिखी है, जो कहते हैं कि कारपोरेट को अब कृषि उत्पाद में व्यापार करने का, किसानों को ठेकों में बांधने का और आवश्यक वस्तु के आवरण से मुक्त खाने के सामग्री को स्टॉक कर कालाबाजारी करने की छूट होगी, का कानूनी अधिकार देते हैं। यह भी लिखा है कि इन सभी कारपोरेट पक्षधर व किसान विरोधी पहलुओं को सरकार बढ़ावा देगी।

संघर्ष समिति ने कहा है कि विश्व भर में कारपोरेट छोटे मालिक किसानों की खेती की जमीनें छीन रहे हैं और जल स्रोतों पर कब्जा कर रहे हैं ताकि वे इससे ऊर्जा क्षेत्र, रीयल स्टेट और व्यवसायों को बढ़ावा दे सकें। इसकी वजह से किसान विदेशी कम्पनियों और उनकी सेवा करने वाली सरकारों के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। भारत में चल रहे वर्तमान आन्दोलन को इसी वजह से दुनिया भर में समर्थन मिला है और 82 देशों में लोगों ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किये हैं।

संघर्ष समिति ने किसानों की मांग के खिलाफ प्रधानमंत्री के तानाशाहपूर्ण भाषा की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुधारों के अमल से उन्हें कोई नहीं रोक सकता। देश के लोगों को ये बात साफ होनी चाहिए कि ये सुधार वे हैं जो कारपोरेट व विदेशी कम्पनियों का मुनाफा बढ़ाएंगे और किसानों को बरबाद कर देंगे

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