किसान आंदोलनः एमएसपी पर ‘गारंटी कानून’ बनाए जाने को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन

December 4, 2020 3:00 PM0 commentsViews: 151
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एम. आरिफ

डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को पीपुल्स यनियन की डुमरियागंज शाखा ने अपना नैतिक समर्थन देते हुए एसडीएम के माध्यम से देश के राष्ट्पति को ज्ञापन देकर नये कृषि कानून रद करने और एमएसपी को कानूनी जामा देने की मांग की है।

गतदिवस डुमरियागंज में सरकार के नये कानूनों काविरोध करते हुए पीपुल्स एलायंस के कार्यकर्ताओं ने अनेक प्ले कार्डों के माध्यम से केन्द्र सरकार के विरोध में नारे लगाते हुए ढसडीएम कार्यालय पहंचे, जहां उन्होंने  कि सरकार केकिसानविरोधी आचरण की पीपुल्स एलायंस की निंदा करते हुए महामहिम से इस कानून को मद करने की मांग करती है।

ज्ञापन सौंपने के पूर्व वर्करों को सम्बधित करते हुए एलांस नेता शारुख खान ने कहा कि किसान आंदोलन का आज 7वां दिन है। दिल्ली में पूरे देश के किसान बड़ी संख्या में एकत्रित होकर नये कृषि कानून के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को आंदोलन करना  लोकतांत्रिक अधिकार है, उसके बावजूद सरकार ने किसानों पर ठंड में वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाई। जिसका पीपुल्स एलाइंस कड़े शब्दों में निंदा करता है और किसानों के आंदोलन का समर्थन करता है।

उन्होंने कहा कि नये तीन कृषि कानून किसानों के पक्ष में नहीं है। इससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा। जमाखोरी बढ़ेगी। बड़ी निजी कंपनियों को फायदा होगा। किसानों का आने वाले भविष्य मुश्किल भरा होगा। इसलिए इन तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

एलायंस नेता मुमताज मलिक ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य डॉ स्वामीनाथन द्वारा सुझाए गए ब2 फार्मूले के अनुसार,किसानों की वास्तविक लागत के आधार पर मूल्य तय किया जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मंडी में गुणवत्ता मापदंड के उत्पादन का भाव किसी भी कीमत पर समर्थन मूल्य से कम न हो. ऐसा न होने पर दंड का प्रावधान किया जाए. सभी फसलों की शत-प्रतिशत सरकारी खरीद की गारंटी दी जाए।

 ज्ञापन देने वालों में मौजूद मोहम्मद फ़ारूक़, अहमद चौधरी, एहतेशाम, नायाब अहमद, जावेद खान, इक़बाल, यासिर,  मलिक अलीम, अहमद खान आदि लोगों ने किसान विरोधी कानून का प्रमुखता से विरोध दर्ज किया और किसानो के मांगों बिना शर्त मानने के लिए अपील किया।

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