पूर्वमंत्री व सपा नेता राजकिशोर सिंह कांग्रेस में गए, बनेंगे बस्ती सीट से उम्मीदवार
अजीत सिंह
गोरखपुर। अखिलेश यादव की सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे वरिष्ठ नेता- राजकिशोर सिंह कांग्रेस में शामिल हो गये हैं। राजकिशोर सिंह महागठबंधनके तहत यूपी के बस्ती जिले की सीट बीएसपी को मिल जाने के बाद से ही नये राजनीतिक ठिकाने की तलाश में थे। अन्ततः उन्हेंकांग्रेस में आसरा ही नही मिला बल्कि वे प्रत्याशी बनने के करीब भी पहुंच गये। इस बदले राजनीतिक समीकरण से भाजपा को झटका लगा है।
बताते है कि सपा- बसपा गठबंधन में टिकट नही मिलने से निराश राजकिशोर अपने अनुज डिंपल सिंह सहित कांग्रेस में शामिल हो गए। अब वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। राजकिशोर के बस्ती से चुनाव लड़ने पर इस सीट पर समीकरण बदल जायेगा। कांग्रेस ने पहले यह सीट जनधिकार पार्टी को दी थी। जिस के टिकट पर चंद्रशेखर चुनाव मैदान में उतरने वाले थे।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने बस्ती से दोबारा वर्तमान सांसद हरीश द्विवेदी पर ही भरोसा जताया है। वहीँ बहुजन समाज पार्टी ने यहाँ से सांसद रह चुके राम प्रसाद चौधरी पर दावं लगाया है। ऐसी स्थिति आने पर नुकसान भाजपा का होने का रानीतिक प्रेक्षक अनुमान लगा रहे हैं।
हर्रैया से तीन बार विधायक और मंत्री रहे राजकिशोर सिंह बस्ती सहित मंडल की तीनों सीटें बसपा के खाते में जाने से शीर्ष नेतृत्व से नाराज थे। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि राजकिशोर कांग्रेस अथवा भाजपा में जा सकते हैं। एक समय था जब समाजवादी पार्टी में राजकिशोर की खूब चलती थी। इनकी मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में वह योगी आदित्यनाथ के गढ़ में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को जिताकर अपने राजनीतिक कला कौशल का लोहा मनवा चुके हैं।
राजकिशोर सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत एपीएन डिग्री कॉलेज में बतौर छात्र नेता के रूप में हुई। वर्ष 2002 में वो डिग्री कॉलेज में उपाध्यक्ष पद का चुनाव तो हार गए लेकिन इसी वर्ष वो जिला पंचायत सदस्य बने। उसके बाद उन्होंने बसपा के टिकट पर हर्रैया से चुनाव लड़ा और विजयी होकर विधान सभा पंहुचे।
2003 में बसपा से बगावत कर राजकिशोर मुलायम से जा मिले। इसी वर्ष वो पहली बार कैबिनेट मंत्री भी बने। 2007 में राजकिशोर एक बार फिर विधायक बने, लेकिन सूबे में मायावती की सरकार बन गयी और राजकिशोर के भाई डिंपल को गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल जाना पड़ा।
2012 में राजकिशोर के भाग्य ने फिर पलटा खाया और प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। राजकिशोर एक बार फिर मंत्री बने। राज किशोर सपा सरकार में बागवानी व पंचायती राज मंत्री रहे।हालांकि उसी दौरान अखिलेश यादव से मतभेद होने के कारण राजकिशोर भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिए गए, मगर बाद में फिर सपा से जुड़ गये।