कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक लक्षण और बचाव को समझे डॉ. शुशांत जायसवाल से
निजाम अंसारी
सिद्धार्थनगर। डॉक्टर ऑफ द मंथ में स्वास्थ्य परिचर्चा में आज हमारे बीच है शोहरतगढ़ के आम आदमी का अस्पताल सुनीता जायसवाल मेमोरियल हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सक डा. सुशांत जायसवाल। डॉ शुशांत आज पाठकों को कोरोना की दूसरी लहर यानी सेकंड वेव के बारे में बताएंगे। आइये समढते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर क्या है और ये पहले से ज्यादा खतरनाक कैसे है ?
शरीर में कैसे सक्रिय होता है कोरोना वायरस
डा. सुशांत जायसवाल के अनुसार एक बार वायरस शरीर के भीतर जाने के बाद ये वायरस इंसान के लिए सांस लेने में तकलीफ़ पैदा कर सकता है। इसका पहला हमला आपके गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है।इसके बाद सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है। यहां ये एक तरह की “कोरोना वायरस अपने समान लाखों वायरस बनाता है यानी यहां अपनी संख्या बढ़ाता है। जिसके कारण आदमी में आक्सीजन की कमी हो जाती है फेफड़े डैमेज होने लगते हैं अैर मरीज तेजी से मौत के मुंह की ओर चला जाता है।
नए कोरोना वायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं. शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते लेकिन 5 से 7 दिनों बाद लक्षण दिखाई देते है तब तक वायरस अपना प्रभाव शरीर के 50 प्रतिशत भाग संक्रमित कर चुका होता है ऐसे में एडवांस लेवल पर इलाज की जरूरत होती है। कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती वक़्त से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिसे आसानी से सावधानी पूर्वक बचाव और इलाज किया जा सकता है। इसमें मरीज को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
कोरोना वायरस के लक्षण
डा. सुशांत बताते हैं कि कोविड की पहली लहर में बुखार और खांसी ही प्रमुख लक्षण माने जाते थे लेकिन दूसरी लहर में सरदर्द, बुखार, बलगम, गला खराब होना, स्वाद न मिलना, कान से सुनाई न देना आदि हैं। यहां तक कि इस समय कोरोना काल में आपके शरीर में कुछ भी नया हो रहा है तो एक बार कोरोना का टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। जिससे इलाज में आसानी हो सके। वैसे तो इस समय जो प्रमुख लक्षण हैं वो बुखार खांसी सीने में दर्द, सांस लेने में परेशानी यदि ये परेशानी है तो जांच की जरूरत नहीं तुरंत घर वालों को सुचित कर अस्पताल में भर्ती होने की तैयारी करें।
कोरोना वायरस से बचाव
डा. सुशांत के मुताबिक इसका आसान उपाय यही है कि कोरोना वैक्सीन हर उम्र के लोगों को लगवाया जाय इससे पहले भी वैक्सीनशन से ही कई तरह की महामारियों पर कंट्रोल पाया जा सका है जिसके निशान आज अधिकतर लोगों के हाथों में देखे जा सकते हैं। प्राइमरी लेवल पर दो गज की दूरी, मास्क के साथ सैनिटाइजर का प्रयोग करने से हम इससे बच सकते हैं ।
कोविड में इम्युनिटी जरूरत महत्वपूर्ण
इम्युनिटी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता है जैसे आप इस उदाहरण से समझ सकते है कि मैं 3 मिनट में 1 किलोमीटर की दौड़ लगा सकता हूँ क्या आप लगा लेंगे? डॉ सुशांत ने कहा कि यह शरीर की मजबूती है जितना मजबूत शरीर होगा उतना ही आपका इम्यून सिस्टम मजबूत माना जायेगा। एक बूढ़ा आदमी 1 किलोमीटर की दौड़ नहीं लगा पायेगा या आधे घंटे में लगा भी ले तो वह 3 मिनट में दौड़ पूरी करने वाले से कमजोर ही माना जायेगा। इन सबके अलावा 6 मिनट वॉक टेस्ट की भी बात हर तरफ़ हो रही है. दिल और फेफड़े दोनों की सेहत जाँचने का ये घर बैठे करने वाला आसान उपाय है।
प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायें? इसके जवाब में वे बताते हैं कि शरीर को मजबूत बनाने के लिए सुबह दौड़ लगाएं। कसरत करें, साइकिलिंग करें, तैराकी करें, फुटबॉल वाली बाल क्रिकेट खेलें। कहने का तात्पर्य ये कि खूब सारा वर्क आउट कर शरीर में इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है।
सांस लेने में तकलीफ से कारण हो रही क्यों मौतें है ?
जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है की इस सेकंड म्युटेंट वायरस का हमला आपके गले, सांस वाली नालियों और फेफड़ों को नुकसान पहुँचता है और शरीर में ऑक्सीजन की उचित मात्रा नहीं पहुँच पाती है। फेफड़े हवा में से ऑक्सीजन नहीं छान पाते हैं। जिससे ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है और समय पर मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से दिक्कत हो रही है लेकिन ऑक्सीजन अब चिंता का विषय नहीं रहा।
मान लीजिये किसी का ऑक्सीजन लेवल 90 के नीचे आ रहा हो तो विपरीत परिस्थितियों में वह अपनी जान कैसे बचाये शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कैसे बढ़ाए? इसके जवाब में वे बताते हैं कि देखिये, ऐसे होने पर मरीज सीधे तौर पर वह हॉस्पिटल का रुख करें। यदि दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से हैं हॉस्पिटल की सुविधा मिलने तक अपने आपको दिन भर में 3 बार आधे मिनट तक लंबी सांस खींचे और लगभग 30 सेकंड बाद सांस छोड़ें दूसरा सीने के बल एक हाथ पर लेटे और एक हाथ अपनी पीठ पर रख कर साँस भरे व छोड़े, इसके अलावा दिनभर में तीन से 4 बार भाप लेने पर धीरे धीरे फायदा हो सकता है।