कोरोना वायरस मौत का कहर जारी : जनता दहशत में
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। अभी दिसम्बर के महीने में जब हम सुनते थे कि कोरोना वायरस चीन जैसे एडवांस देश में फैलने के कारण मौतें हो रही हैं हम भारत वासियों को इसकी जरा सी भी चिंता नहीं हो रही थी क्योंकि चीन में जब मौतों का सिलसिला दस हजार पर चल रहा था तो भारत के लोग यही सोच रहे थे कि हमारे देश में जानबूझ कर मरने वालों की संख्या बारह हजार से ज्यादा है। बहरहाल अब जब यह संख्या लाखों के पार हो गई है और अपना देश भी इसकी चपेट में आ गया है। बुधवार तक वायरस पीड़ित लोगों की संख्या 25 पहुँच गई है अब देश के लोग इस खतरे के प्रति सजग होने लगे हैं।
ऐसी ही सजगता आज भारतीय स्टेट बैंक शाखा शोहरतगढ़ में देखने को मिली पैसा जमा करने गए रिपोर्टर से शाखा प्रबंधक मनोज कुमार दुबे ने कहा ये बताए कि मैं सैकड़ों लोगों से रोज मिलता हूँ उनका काम करता हूँ मैं इस वायरस से कैसे बच सकता हूँ। जो लोग जहाज से आते हैं तो उनका सरकार प्रॉपर टेस्ट करके उनके जांच की व्यवस्था करती है हम भारत नेपाल की खुली सीमा पर रहते हैं यहां तो लोग जब चाहें तब इस पार से उस पार चले जाते हैं ऐसे में यह हमें कभी भी अपनी चपेट में ले सकता है।
हर रोज हजारों छात्रों से घिरे रहने वाले प्रधानाचार्य नलिनीकांत मणि त्रिपाठी ऐसा ही कुछ विचार कोरोना वायरस सम्बंध में रखे उन्होंने बताया कि कम से कम 1 मीटर की दूरी से छात्रों से बात करते हैं , सर्दी जुकाम खांसी वाले छात्रों को मुंह पर रुमाल रखने की सलाह देते हैं और लगातार छात्रों पर नजर रखी जाती है इस मामले पर अत्यधिक जागरूकता की आवश्यकता है।
इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शोहरतगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक पी के वर्मा ने बताया किकोरोनविर्यूज़ (सीओवी) वायरस का एक बड़ा परिवार है जो सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों तक को जन्म देता है जिसमें उसकी भी हो जाती है। कोरोनावायरस (nCoV) एक मातृ संस्था की तरह होती है जो पहले मनुष्यों में पहचाना नहीं गया है। कोरोनावीरस ज़ूनोटिक हैं, जिसका अर्थ है कि वे जानवरों और लोगों के बीच संचारित होते हैं। विस्तृत जांच में पाया गया कि इस वायरस का ट्रांसमिशन कई प्रकार से है। कई ज्ञात कोरोनवीरस उन जानवरों में घूम रहे हैं जिन्होंने अभी तक मनुष्यों को संक्रमित नहीं किया है।
लक्षण –
संक्रमण के सामान्य संकेतों में श्वसन संबंधी लक्षण, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम, गुर्दे की विफलता और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
बचाव –
संक्रमण को रोकने के लिए मानक अनुशंसाओं में नियमित रूप से हाथ धोना, खाँसने और छींकने पर मुंह और नाक को ढंकना, मांस और अंडे को अच्छी तरह से पकाना शामिल है। खांसी और छींकने जैसी सांस की बीमारी के लक्षण दिखाने वाले किसी के भी निकट संपर्क से बचें।