हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्या होंगे आरक्षण के नियम? किस कोटे में जाएगी आपकी ग्राम पंचायत

March 16, 2021 3:07 PM0 commentsViews: 2222
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ग्रामपंचायत समेत क्षे़त्र पंचायत व जिला प्रंचतो क्षेत्रों के आरक्षण अब नये सिरे से होंगे।कौन सा गांव या क्षेत्र आरक्षित होगा या नहीं होगा, इसका निर्धारण फिर से होगा। कोर्ट के आदेश से 1995 के चुनाव को आधार वर्ष मानने का सरकार का फैसला अब शून्य हो गया है। गांवों की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मान्य होगी। नयी नीति के अनुसार अब ग्रामों व क्षेत्रों का आधार निम्ननानुसार होगा।

अनुचित व पिछडी जाति के लिए

विकास खंड के अन्तर्गत आने वाले समस्त ग्राम पंचायतों में वर्ष २०११ की जनसंख्या के आधार पर वर्ष २०१५ में अनुसूचित या पिछड़ी जाति के प्रधान थे उनकी जाति के लिए अगामी चुनाव में यह पद आवंटित नहीं होगा। यानी जो ग्राम पंचायतें एससी या पिछडों के लिए आरक्षित थीं इस बार उनके लिए आरक्षित नहीं होंगी। अब इसे देख कर अपनी ग्राम पंचायत के आरक्षण की असल स्थिति  पाठक खुद समझ सकते हैं।

सामान्य जाति के लिए

वर्ष २०११ की जनसंख्या के आधार वर्ष पर २०१५ आधार हेतु एससी, पिछड़ी व सामान्य महिला पद के लिए आरक्षित हो चुकी हैं, अगले चुनाव हेतु उनको छोड़ते हुए सामान्य जनसंख्या के अवरोही क्रम में सर्व प्रथम सामान्य महिलाओं को वरीयता के क्रम में आरक्षण देते हुए शेष बची हुई समस्त गाम पंचायतें सामान्य पुरुष के लिए रहेंगी। यानी ऐसी सीटों पर पहले सामान्य महिला को वरीयता दी जाएगी और बची हुई सीटें सामान्य कोटे में आरक्षित की जाएंगी।

सर्वाधिक महत्वपूर्ण

वर्ष २०१५ में जिन ग्राम पंचायतों में या पिछड़ी जाति या पिछड़े वर्ग की महिला या पुरुष प्रधान थे, वह सभी ग्राम पंचायतें दुबारा अनुसूचित अथवा पिछड़ी जाति के महिला या पुरुष के लिए लिए आरक्षित नहीं होंगी। इसका मतलब यह है कि उन सब गांवों का के आरक्षण में इवरोही क्रम में परिवर्तन किया जायेगा।

विशेष ध्यान योग्य

वर्ष २०१५ में जिन ग्राम पंचायतों में  अनुसूचित सा पिछड़ा वर्ग से पूरुष या महिला प्रधान है उनमें  उस जाति के पुरुष या महिला दुबारा प्रधान न बन सकेंगे। इसका अर्थ या हुआ की उक्त सीट सामान्य या सामान्य महिला के लिए अनारक्षित की जाएगी।। इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों में पिछले चुनाव में  सामान्य महिल या पुरुष चुने गये थे। अगले चुनाव में वे सामान्य या सामान्य महिला के लिए नहीं छोडें जाएंगे।

 

 

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