लाखों खर्च करने के बाद भी बेमतलब साबित हो रही सरयू नहर की बाजारडीह शाखा
महेन्द्र कुमार गौतम
बाँसी, सिद्धार्थनगर। इसे प्रशासन का दोष कहें या धन का बंदरबांट लेकिन अन्नदाताओं से सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि छीन कर बिना पानी की नहर देखना हो तो सरयू नहर की मुख्य शाखा से निकलने वाले बाजारडीह माइनर पर आइए।
बताया जाता है कि नहर की बाजारडीह शाखा की दशा खराब है। पूरी नहरमिट्टीसिल्ट और खरपतवार से भरी हुई है।लिहाजा उसमें पानी नहीं आ पाता। फलतः पानी के अभाव में क्षेत्रीय किसानों की फसल का बड़ा हिस्सा हर साल बरबाद हो जाता है। ऐसे मेंकिसान मजबूरी का घूंट पी कर रह जाता है।
दशकों पहले किसानों से जमीन अधिग्रहण कर नहर तो बना दी गयी लेकिन आज तक नहर के टेल तक विभाग पानी नही पहुंचा सका है जिस से किसान लाभन्वित हो सके।
जबकि समय समय पर नहर की सफाई के नाम पर धन तो अवमुक्त तो होता है लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद किसानों को कृषि हेतु पानी नही उपलब्ध कराया जा सका है।
गौर तलब है कि वर्तमान में गेहूँ की बुवाई चल रही है। ऐसे में जिन खेतों में नमी नही है उनमें सिंचाई की आवश्यकता है। इसके उपरांत जल्द ही गेंहू की सिंचाई का समय आ जायेगा, परन्तु विभाग मूकदर्शक बन कर अन्नदाताओं के मदद के बजाय चुपचाप अपनी ही धुन में व्यस्त है। क्षेत्रीय किसानों ने विभाग से नहर ठीक कराने की मांग की है।