कोरोना पीड़ितों की मदद के नाम पर किसान का गेहूं बेच कर बीस हजार चौकी इंचार्ज ने हड़पा
अजीत सिंह
बृजमनगंज, महाराजगंज। स्थानीय क्षाना क्षेत्र के चौकी धानी के इंचार्ज का कारनामा भी कम नहीं है। उनके द्धारा एक किसान का गेहूं बेच कर उसे हड़प लिया। जबकि बात कोरोना पीड़ितों की मदद में धन देने की तय हुई थी। इस मामले की जांच के बाद भी कोई हल नहीं निकला। प्रकरण ग्राम कोयलाडांड़ से सम्बधित है।
बताया जाता है कि ग्राम कोयलाडांड में एक आराजी (गाटा संख्या 999) शैलेन्द्र बहादुर सिंह की थी, जिसका मुकदमा सरकार बनाम शैलेन्द्र सिंह के नाम से न्यायलय उपसंचालक चकबंदी के यहां विचाराधीन है। इस बार उसमें गेंहू की फसल बोई थी। कहते है कि शिकायत के आधार पर चौकी इंचार्ज कमलेश ने फसल को विवादित कह कर कटवा लिया। जिसमें से 13 कुंतल गेहूं निकला। तय यह पाया गया कि गेहूं बेच कर उससे मिला पैसा कोराना पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री फंड में जमा कर दिया जाये। शैलेन्द्र सिंह ने मानवीय कारणों से इसे स्वीकार भी कर लिया।
फिर पता चला कि कि 11 कुंतल गेहूं चौकी इंचार्ज ने वहां के एक व्यवसाई के हाथ बेच दिया और 2 कुंतल गेहूं चौकी पर उठा ले गये। यह झाटना अप्रैल की चार तारीख को बताई जाती है। लेकिन बेचे गये गेहूं से मिला धन मुख्यमंत्री राहत कोष में जून तक पहुंचा ही नहीं।
बताया जाता है कि जब इस मामले का पता किसान के पुत्र प्रदीप सिंह को पता चला तो उसने मामले शिकायत पुलिस के आला अफसर से की, मामले की जांच सीओ फरेन्दा ने शुरू की। जाच में दुकानदार ने गवाही भी दी कि चौकी इंचार्ज ने उक्त गेहूं उसके यहां बेचा है। जिसकी रसीद भी उसने काटी है। यह प्रमाणित होने के बाद भी चौकी इंचार्ज के खिलाफ क्या कार्रवाई हुयी, किसी को पता नहीं चला। मगर यह बात सभी जान गये कि कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए गेहूं बेच कर लिया गया धन अभी चौकी इंचार्ज की जेब में ही पड़ा है। प्रदीप सिंह ने एसपी से इस मामले में जांच की मांग की है।