पहले लॉक डाउन की मार अब कंटेन्मेंट जोन की चाबुक से जीना हुआ मुहाल, आखिर क्या करें गरीब?
— सभसादों ने की जिलाधिकारी से मांग दुकान खोलने के लिए जारी करें आदेश
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। कोरोना वायरस के कारण कस्बे के हालात आर्थिक तौर पर बहुत बिगड़ गए हैं। पहले लॉकडाउन फिर पिछले 15 दिनों से कंटेन्मेंट जोन की मार झेल रहे कस्बे के पटरी व फेरी वाले दुकानदार यथा चूड़ी , चप्पल , लाई भेली हंसिया, बिसाता बेचने वालों के समक्ष लाचारी आ गई है। जिससे कस्बे की तीस हजार आबादी के अधिकांश लोग भुखमरी के कगार पर है।
कस्बे की राबिया खातून एक चूड़ी विक्रेता हैं, उनके दस और एक ग्यारह साल के दो बेटे हैं पति इस दुनिया में नहीं हैं। घर का खर्च वे चूडी बेच कर चलाती हैं। लेकिन अब आमदनी बंद है। वे कहती हैं कि अब तक के बंद तक उन्हें कुल 2 बार अच्छे लोगों सहायता सामग्री मिली है । प्रतिदिन संघर्ष करती राबिया को खाने के लाले पड़ रहे हैं। किसी तरह से 15 किलो राशन उन्हें मिलता है पर चावल , गेहूं के अलावा सब्जी दाल मसाला, तेल और गैस लेने के लिए भी पैसे चाहिए। परिवार चलाने के लिए। जिससे 16- 18 दिनों से दुकानें बंद है, जिससे व्यापारियों का व्यवसाय पूरी तरह ठप हो चुका है।
राबिया का कहना है अगर दुकानें खुलती तो सौ दो सौ मिलजाता तो खाने का जुगाड़ हो जाता। यह एक अकेले एक घर की कहानी नहीं वार्ड नं0 2 आर्य नगर के मुन्ताज पेशे से रिक्शा चालक हैं, मुन्ताज अपनी मां और तीन छोटे छोटे बच्चों के साथ एक पॉलीथिन की झोपड़ी में रहते हैं । परिवार के वही मुखिया है उनका भी यही हाल है मुन्ताज ने कहा कि दुकानें खुलने लगती तो व्यापार बढ़ता तो माल भाड़ा मिलता तो कुछ रोजी रोटी का इंतेजाम होता। कंटेंटमेंट जोन में निजी क्लीनिक, मेडिकल स्टोर,जरूरत के सामान किराना, आदि की दुकानें भी बंद है। केवल प्रशासन द्वारा डोर टू डोर आपूर्ति व्यवस्था जारी है। हर बार रक्षाबंधन व बकरा ईद के त्यौहार पर कस्बे के व्यापारियों के चेहरे पर रौनक हुआ करती थी, लेकिन इस बार सभी मायूस बैठे हैं। त्यौहार नजदीक आने पर सभी व्यापारी अपनी दुकानों पर माल इकट्ठा कर लिए थे, लेकिन दुकान बंद होने से सारा माल रखा हुआ है।
छोटे दुकानदार तो उधारी से घर का खर्च चलाने को मजबूर है। कस्बे की बड़ी–बड़ी दुकानों पर ताला लटक गया है। कोरोना की मार आम लोगों पर तो पड़ रही है। साथ ही साथ कस्बे के बड़े दुकानदारों व फुटपाथ के दुकान वालों को अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, लॉकडाउन में महीनों से कस्बे की दुकानें बंद रही हैं जिसमें कोई व्यापार नहीं हुआ, इसके बाद लॉकडाउन हटा और दुकानों को खोलने के अनुमति मिली, तो कस्बे में कोरोना के केस बढ़ गए।
कोरोना के केस आने से कस्बे के मुख्य बाजार भारत माता चौक , चौक बाजार, सोनाली मोहल्ला, पुलिस पिकेट के आसपास की सारी दुकानें और गली मोहल्ले की छोटी मोटी परचून की दुकानें बन्द है। नगर पंचायत शोहरतगढ़ के अंतर्गत सुभाष नगर इंदिरा नगर चौक बाजार, पुलिस पिकेट, बर्तन वाली गली, ग्रामीण क्षेत्र नारायणपुर, गड़ाकुल, निबि दोहनी, आदि जगहों पर भी कंटेनमेंट जोन लगा हुआ है, जिसमें सभी तरह की दुकानें बंद है। केवल शराब की दुकानों को खोला गया है । लॉक डाउन के कारण छोटे दुकानदार और रेहड़ी वालों पर आर्थिक मार पड़ रही है। गरीबों मजदूरों और छोटे दुकानदारों की परेशानियों को देखते हुवे नगर पंचायत के सभसादों मनोज कुमार गुप्ता , बाबूजी अंसारी , संजीव जायसवाल , अफसर अंसारी व नियाज़ अहमद ने जिलाधिकारी से मांग की है कि दुकानों के खोलने को लेकर आदेश दें चाहे वह 5 या 6 घंटे के लिए ही सही, दुकान खोलने के लिए समय दिया जाना बहुत जरूरी है जिससे गरीब परिवार और दुकानदार अपनी रोजी रोटी अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। व्यापारियों ने प्रशासन से निर्धारित समय तय करके दुकान खोलने की अनुमति की मांग की है।