गोशाला का सचः खेती नष्ट होने से गुस्साए ग्रामीणों ने दर्जनों गायों को स्कूल परिसर में किया कैद
सुशील सिंह सोनू
लोटन, सिद्धार्थनगर। योगी आदित्यनाथ की सरकार में गायों की सुरक्षा के साथ किसानों की फसल को बचाने के लिए गोशाला निर्माण जैसा क्रान्तिकरी कादम उठाया गया था, परन्तु गोशालों के जिम्मेदारों की हरकतों के चलते यह योजना दम दोड़ने लगी है। गोशाला की गाये आवारा बन कर फिर से फसलों को तबाह करने लगीं हैं। ऐसी ही एक घटना के बाद आज (शु्क्रवार) लोटन ब्लाक के ग्राम परसौना में घटी, जिसके उपरांत ग्रामीणों ने तंग आकर गोशाला की गायों को एक जगह बंद कर दिया और अधिकारियों से फसलों की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई।
प्राप्त विवरण के अनुसार ग्राम परसौना में एक गोशाला बनी है जिसमें वर्तमान में लगभग सौ पशु होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि गोशाला में केवल साठ गायें ही थीं और गायों को चारा भूसा आदि देने के बजाए उन्हें खाने के लिए खुला छोड़ दिया जाता था। और वे खेतों में चरती खातीं, ताकि उनके लिए आवंटित सरकारी धन को बचाया जा सके। इस प्रकार गोशाला के नाम पर धन बचाने का काम लम्बे समय तक ग्राम सेकेट्री और प्रधान की मिली भगत से हो रहा था।
बताया जाता है कि आज यानी शुक्रवार को सभी गाएं परसौना गांव के सीवान में खुले में फसल खा रही थीं। इस वक्त खेतों में धान की नर्सरी लगााई जा रही है। जिस वे चरती तथ अपने खुरों से नई पौघें को नष्ट कर रही थी। बताते है कि अपनी फसलों की यह तबाही देख कर ग्रामीणों ने सभी गायों को खदेड़ कर गांव के प्राथमिक विद्यालय परसर में बंद कर दिया। ग्रामीणों ने नारेबाजी कर मौके पर खंड विकास अधिकारी को मौके पर बुलाये जाने ने की मांग की। उनका कहना था कि जब तक गोशाला के जिम्मेदारों के खिलाफ कारवाई नहीं की जाएगी तब तक समस्या यों ही बनी रहेगी।