क्या है शिक्षा मित्र महेंद्र गौतम के कत्ल का रहस्य, क्या वह प्रे प्रसंग में मारा गया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। खेसरहा थाने ग्राम भूपतजोत निवासी शिक्ष म़ित्र महेन्द्र गौतम की लाश मिल गई है। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का लग रहा है, मगर अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं लग पा रहा है। वैसे मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हो सकता है अथवा फिर हत्या के मूल में नस्लीय भावना भी हो सकती है।
शानिवार रात करीब नौ बजे महेन्द्र एक पड़ोस के टोले पर एक सपेरे को खाना देने निकला था, मगर वह रात में नहीं लौटा तो घरवालों ने रात में खोजबीन की। वह तो नहीं मिला, मगर पास में मकनाखोर पोखरे के पास उसकी बाइक, मोबाइल आदि मिल गई। महेन्द्र के परिजनों ने पुलिस से आशंका जताई की हो न हो महेन्द्र को मार कर लाश पोखरे में फोंक दिया गया हो।
कैसे बरामद हुई लाश
रविवार सुबह पुलिस ने इस शंका में पोखरे में गोताखोरों को उतारा मगर लाश न मिली। फलता गोताखोरों ने तलाश बंद कर दी। अखनक दोपहर को जब जानवरों का झुंड पोखरे में गया तो लाश अचानक ऊपर तैरने लगी। ऐसा लग रहा था कि जैसे महेन्द्र की हत्या कर लाश पोखरे की मिट्टी में दबा दी गई हो, जो जानवरों के पानी में चलने से ऊपर आ गई हो।
इसकी सूचना दुबारा पुलिस को दी गई। पुलिस ने लाया को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम केक लिए भोज दिया, मगर मौत के बारे में कुछ भी नहीं बता पाई। लेकिन लाश को देखने से लगता है कि उसकी हत्या का गई। दरअसल लाश के हाथ में रुमाल से बंधे हुए थे, उसकी एक आंख पर बड़ा जख्म था। जैसे उस पर धारदार हथियार से बार किया गया हो। लोग इसे प्रेम प्रपंच का मामला हाने का अनुमान लगा रहे हैं।
रात कहां गया था महेन्द्र?
बताते चलें कि शनिवार की रात महेन्द्र के घर भोज का कार्यक्रम था। जिसमें बगल के टोले से एक संपेरा भी शामिल होने आया था, मगर वह बिना भोजन के ही लौट गया था। यह देख महेन्द्र उस संपेरे को खाना देने नौ बजे उसके घर गया था। ऐसे में कुछ लोगों का कहना है कि प्रेम प्रसंग में लड़की पक्ष ने उसकी हत्या कर दी होगी अथवा किसी और शत्रुता में उसे मार दिया होगा। इस बारे में पलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुद कहा जा सकता है।