बबिता डेथ मिस्ट्रीः प्रेम के आवेग में सौतन बनी, फिर हालात ऐसे बने की जान देनी पड़ गई
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। प्रेम का आवेग भी उफनाती नदी की की तरह होता है, जो रोके नहीं रुकता। 22 साल की बबिता के साथ भी यही हुआ। उसे प्रेम भी हुआ तो शादी शुदा धर्मराज के साथ।फिर मुहब्बत ने जोश मारा तो बबिता सौतन बन कर धर्मराज के साथ आ गई और बाद में हालात ऐसे बने कि बीती शाम उसकी जान चली गई। उसकी हत्या हुई या उसने आत्महत्या की? यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन शीरी फरहाद की तरह चलने वाली तमाम प्रेम कथाओं की तरह एक बार फिर एक प्रेम कथा का अन्त दुखद ही हुआ।
ढ़ेबरुआ थानाक्षेत्र के गोरखपुर-गोण्डा रेलखंड पर परसा-महादेव बुजुर्ग रेलवे स्टेशन के मध्य रेड़वरिया गांव के पास संदिग्ध परिस्थितियों में बीती शाम 22 वर्षीया बबिता ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दिया था। बाद में डेबरुआ थाने की छानबीन में उसी थाने के केवटलिया गांव के निवासी धर्मराज ने अपनी पत्नी के रुप में बबिता की शिनाख्त की।
लेकिन वह वास्तव में धर्मराज की पत्नी नहीं थी। वह तो पहले से शादीशुदा था। परिजनों के मुताबिक धर्मराज पहले से ही विवाहित है और एक मार्केटिंग कंपनी में काम करता है।कंपनी में काम करते समय उसका जोगिया थाने के हरैया गांव की रहने वाली बबिता पुत्री कौशल से प्रेम संबंध हो गया और लगभग एक वर्ष पूर्व बबिता धर्मराज व उसकी पत्नी के साथ बतौर सौतन घर पर रहने लगी। बबिता के पिता ने तब पुलिस केस भी किया भा। परन्तु बबिता के बालिग होने के कारण कुछ नहीं सका था।
सूत्रों के मुताबिक इन्हीं ‘पति-पत्नी- और वो’ में आये दिन दोनों में झगड़े होने लगे। गृह कलह के करण मृतका बबिता अक्सर नाराज होकर घर से भाग भी निकल जाती थी। इस बार भी मंगलवार को बबिता घर से नाराज होकर निकल गई।फिर उसकी लाश ही मिली। प्रत्यक्षदिर्शियों के मुताबिक उसने ट्रेन के सामने कूद कर जान दी।
लेेकिन सवाल यह है कि उसने रेल के सामनेे कूूद कर स्वेच्छा से जान दी अथावा उसे जान देने के लिए उकसाया गया? इस सवाल का जवाब तो जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन कड़वा सच यही है कि लैला मजनू की परम्परा का निर्वाह करते हुए बबिता को मुहब्बत की सलीब पर चढ़ना ही पड़ा।
[1] Bdvgnhy