ग्राम पिकौरा में मनरेगा भ्रटाचार चरम पर? बीडीओ ने कहा, जल्द जांच होगी

June 12, 2020 1:18 PM0 commentsViews: 505
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। ग्राम पंचायत पिकौरा, विकासखंड बढ़नी के दर्जनों जॉब कार्ड धारक श्रमिकों ने ग्राम  प्रधान पर वर्षों से मनरेगा योजना के अंतर्गत काम ना देने का आरोप लगाया है। कुछ लोगों ने बताया कि ग्राम प्रधान अधिकांश कार्यों को श्रमिकों से ना करा कर ट्रैक्टर से करा  देते है

मिली जानकारी के अनुसार गत दिनों    ग्राम पंचायत पिकौरा के उमराव पुत्र शुक्खा  बेचन पुत्र रामनरेश नरेश पुत्र राम लाल शीला देवी पत्नी रामू यादव जगदीश पुत्र छेदी, गोकुल पुत्र गुल्ले,  रामधिरावन पुत्र राम- धीन आदि  जॉब कार्ड धारकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि लाक  डाउन में जॉब कार्ड धारक होने के बावजूद भी हम लोगो को ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा के अंतर्गत काम नहीं दिया गया 

 ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान द्वारा  गांव के अधिकांश कच्ची सड़कों पर मिट्टी पटाई का  कार्य   अपने ट्रैक्टर ट्राली से  कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार मिट्टी खुदाई का कार्य भी मजदुरो से न करा कर जेसीबी से कराये जाने का आरोप लोगों द्वारा लगाया गया। गांव के कुछ गरीब मजदूरों का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप लॉकडाउन के समय जब हम लोगों को रोजी-रोटी मिलना था मनरेगा में हमें काम नहीं दिया गया, जिससे हम लोग भूखमरी का दंश झेल रहे हैं।

 गांव के जागरूक समाजसेवी राधेश्याम यादव ने बताया कि मुंबई आदि महानगरों से आने वाले लोग जिन्होंने अपना होम क्वारंटीन   की अवधि पूरी कर ली मगर  उन्हें अभी तक राशन किट भी नहीं मिल पाया है।  मुख्यमंत्री द्वारा दी जा रही सहायता राशि में भी प्रधान द्वारा सिर्फ अपने चहेतों का नाम ही डलवाया गया जिससे उक्त लाभ से दर्जनो पात्र   लोग वंचित रह गए हैं। भुखमरी का दंश झेल रहे ग्रामीणों ने सिद्धार्थनगर जनपद के तेजतर्रार और इमानदार जिलाधिकारी  से जांच कराकर न्याय दिलाने की मांग की है।

ग्राम सभा  पिकौरा के लोगों द्वारा ग्राम प्रधान पर लगाए गए आरोपों के संबंध  में खंड विकास अधिकारी रामविलास राय  ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा पिकौरा की कई अन्य शिकायतें भी जानकारी में मिली है। इसकी जांच जल्द ही की जाएगी।

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