मंडल कमीशन के माध्यम से बी.पी. मंडल ने पिछड़ा वर्ग को देश की मुख्यधारा से जोड़ा- माता प्रसाद पांडेय
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर, मंडल कमीशन की रिपोर्ट के माध्यम से देश की 52 फीसद जनता को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने काम किया था। आज उसी का देन है सरकारी नौकरियों, शिक्षा समेत अन्य योजनाओं में आरक्षण का लाभ पिछड़ा वर्ग उठाकर अपना तरक्की कर रहा है।
यह बातें सपा नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने कहीं। वह रविवार को समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर बीपी मंडल के 101वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 25 अगस्त 1918 में बिहार प्रदेश के मधेपुरा के मुरहो गांव के जमींदार परिवार में जन्में बीपी मंडल ने 1979 अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे। केन्द्र की मरोरजी देसाई सरकार ने उन्हें पिछड़ा वर्ग कमीशन का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
सपा के पूर्व जिला महासचिव घिसियावन यादव ने कहा कि मंडल आयोग का गठन जनता पार्टी की सरकार ने किया था। इसकी रिपोर्ट कांग्रेस की सरकार के समय 1980 में इंदिरा गांधी के केंद्र की सत्ता में दुबारा आने के बाद उनके कार्यकाल में मंडल आयोग की रिपोर्ट सरकार को सौंपी गयी। जिसको कांग्रेस सरकार दबाकर बैठ गई। यादव ने कहा कि दस वर्ष बाद 1989 गैर कांग्रेसी सरकार केंद्र की सत्ता में आती तो 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री बीपी सिंह की सरकार ने मुलायम सिंह यादव, शरद यादव व लालू प्रसाद यादव के अथक प्रयास से मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया था।
सपा के पूर्व कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बेचई यादव ने कहा कि सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर 1953 में काका कालेलकर की अध्यक्षता में पिछड़ा वर्ग आयोग गठित हुआ था। जिसने अपनी रिपोर्ट 1955 में दे दी थी। परंतु उन पर विचार नहीं किया गया था। सपा के निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष अनूप यादव व जिला सचिव तौलेश्वर निषाद ने कहा कि जब बीपी सिंह की सरकार ने पिछड़ा वर्ग के 27 फीसद आरक्षण को देश में लागू किया था। उसे दबाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी के अगुवाई में भाजपा का रथ यात्रा देश व्यापी दौरे पर निकल पड़ा। बिहार में उनकी गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने बीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस लेकर सरकार को गिरा दिया। आरक्षण का मामला सुप्रीमकोर्ट में गया। बावजूद कोर्ट ने 16 नवम्बर 1992 को मंडल कमीशन को लागू करने के फैसले को सही ठहराया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सपा जिलाध्यक्ष अजय चौधरी ने किया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक लालजी यादव व विजय पासवान, राम कुमार चिंकू यादव, वीरेंद्र तिवारी, सरफराज भ्रमर, विजय यादव, डाक्टर धीरेन्द्र यादव, कृष्ण नाथ यादव, सोनू यादव, अजय यादव, मो. इद्रीश पटवारी राइनी, राम चंद्र चौरसिया, जिला पंचायत अध्यक्ष गरीब दास, कृष्ण नाथ यादव, चंद्र मणि यादव, जुबैदा चौधरी, जोखन चौधरी, हरिनारायण यादव, तोता राम वर्मा, अमित बख्शी, कलाम सिद्दीकी, रियाज अहमद, रामू यादव, देवेन्द्र सिंह, फिरोज चौधरी, उदय भान तिवारी, विश्वंभर श्रीवास्तव, प्रेम चंद्र चौरसिया, सुनील यादव, विश्राम यादव, हारुन, विजय यादव, अमूमन मेकरानी, आकाश रावत, दिनेश यादव, राधे श्याम यादव, राकेश यादव, रंजीत, वीके यादव, कृष्णा नन्दन, रोहित श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के पूर्व सभी ने बीपी मंडल के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंत में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के मृत्यु पर दो मिनट मौन रखकर उनके आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की