सत्ता विरोधी भाषण देने वाले मंत्री ओम प्रकाश राजभर सहयोगियों सहित मंत्री मंडल से बर्खास्त
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। लोक सभा चुनाव 2019 के बाद आखिरकार भाजपा ने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें यूपी सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है। लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है ऐसे में अब जब एग्जिट पोल के नतीजे सामने हैं और चुनावी प्रक्रिया लगभग खत्म ही हो गई है तो यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है। राजभर को हटाने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बयान जारी किया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि प्रदेश में हमारे गठबंधन सहयोगी रहे ओम प्रकाश राजभर ने गठबंधन धर्म की मर्यादा का हर कदम पर ना केवल उल्लंघन किया बल्कि उसकी मर्यादा को भी तार-तार किया है। इसलिए पार्टी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाया है।
भाजपा ने कहा कि लोक सभा चुनाव में राजभर ने जहां भाजपा के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े किए, वहीं उन्होंने विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी किया। इसलिए पार्टी ने उन्हें सरकार से मंत्री पद से हटाने का निर्णय लिया है।
क्या कहा सुभासपा ने
सुभासपा के प्रदेश महासचिव ने बताया कि यदि अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद का लालच होता तो इस तरह सरकार में रहकर सरकार की गलत नीतियों का विरोध नहीं करते। जो आज हुआ वो तो होना ही था, लेकिन ऐसे वक्त पर होना भाजपा के द्वेषपूर्ण मानसिकता को परिलक्षित करता है।
ओमप्रकाश राजभर राज्य सरकार के द्वारा पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति ना किए जाने पर और पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण का बंटवारा सामाजिक न्याय समिति के रिपोर्ट के अनुसार ना करने पर रोष जताया था. इसी के बाद ही उन्होंने मंत्रालय छोड़ने की सिफारिश कर दी थी।
जानिए किसको किसको किस पद से हटाया
उत्तर प्रदेश सरकार में सहयोगी पार्टी सुभासपा के मंत्री ओम प्रकाश राजभर के साथ 5 निगमों में भारतीय सुहेल देव समाज पार्टी के 7 अध्यक्ष और सदस्यों को भी किया गया पदमुक्त।
ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के चेयर मैन पद से हटाया गया। उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के अध्यक्ष पद से राणा अजीत सिंह को हटाया गया। राष्ट्रीय एकीकरण परिषद से सुनील अर्कवंशी को हटाया गया और राधिका पटेल को हटाया गया। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के सदस्य पद से सुदामा राजभर को हटाया गया। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग से गंगाराम राजभर और वीरेंद्र राजभर को भी हटाया गया। पिछले काफी लंबे समय से वह भारतीय जनता पार्टी और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के खिलाफ बोलते रहे हैं जिससे उनकी आलोचना होती रही है।