समस्त संकट को दूर करती है मधुकरपुर में स्थापित मां भद्रकाली
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। इस कलयुग में जन समुदाय को अपार कष्ट होता रहता है जिससे वह परेशान होते रहते हैं, जिसके लिए यहीं पर उनके समस्या का समाधान मां भद्रकाली धाम पर उपलब्ध है। सच्चे दिल से हजारों लोग कष्ट दूर करके मां भद्रकाली के दरबार में नवरात्रि एवं अन्य दिनों में हाजिरी लगाते हैं।
जनपद सिद्धार्थनगर के मुख्यालय पर मां भद्रकाली धाम मधुकर पुर में अपनी दिव्यता एवं मनवांछित सिद्धि प्रदान करने के लिए आसपास के क्षेत्र में अत्यंत ही सुविख्यात है। नवरात्र में मां भद्रकाली के दरबार में कलश स्थापना होती है एवं नव चंडी का पाठ किया जाता है। नवमी के दिन वैदिक मंत्रों के आहुति से हवन एवं मां का प्रसाद वितरण भंडारा किया जाता है।
मां की विशेषता पुरानी तीन देवियों की प्राचीन पिंडी है, जिन्हें पीतल के आवरण से संरक्षित कर दिया गया है। परिक्रमा पथ पर मां लक्ष्मी, मां गौरी एवं मां सरस्वती अपने-अपने यंत्रों के साथ विराजमान हैं। मां भद्रकाली के एक तरफ बाल गजानन हैं और दूसरी ओर भद्र बालाजी का एक मनोहारी स्वरूप है। यहां श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और मां के चरणों में अपने को समर्पित करके अपना भाग्य जगाते हैं।