पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय काे मकान खाली करने की नोटिस से सियासी भूचाल, क्या यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है
— मैने अपने लंबे राजनीतिक जीवन मेें ऐसा कृत्य नहीं किया, मुझे राजनीतिक बदले की भावना के चलते दी गई नोटिस़ – माता प्रसाद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के पूर्व विधान अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को अपने गृह क्षेत्र इटवा में आंवंटित मकान को खाली करने की नाटिस मिलने के बाद जिले के सियासी हल्के में भूचाल आ गया है। लोग एक स्वर से इसे सत्ता पक्ष के इशारे पर की गई राजनीतिक विद्धेष की कारवाई बता रहे हैं।सपा तो इस मुद्दे पर लम्बी लड़ाई लड़ने की बात कर रही है।
बताया जाता है कि जिले पंचायत सिद्धार्थनगर की ओर से गत 6 सित्म्बर को जारी की गई है कि जिला पंचायत के अध्यक्ष के अनुमोदन पर आपके भवन का आवंटन रद्द किया जाता है। अतः नोटिस प्राप्त करने कि एक सत्ताह के भीतर आपसे मकान खाली करने की अपेक्षा की जाती है। इस खबर के आम होत ही जनमानस में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। लोगों का मानना है कि यह सत्ता पक्ष के इशारे पर जिले के नहीं वरन प्रदेश के वरिष्ठतम नेता के साथ् राजनी तिक विद्धेष की कर्रवाई है। सत्ता पक्ष के इक्का दुक्का नेता मानते हैं कि माता प्रसाद पांउेय के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से अन्ततः भाजपा को ही जिले में नुकसान होगा।
स्वयं माता प्रसाद ने इसे राजीतिक विद्धेष की कार्रवाई बताते हुए कहा है कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में किसी दल के नेता का कभी राजनीतिक उत्पीड़न नहीं किया। यह मकान 99 साल के पट्टे पर था, मगर सत्ता में डूबे लोगों के अहंकार के चलते उनसे देखा न गया। यह अहंकार ज्यादा रहने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि वे चाहें तो इस मुद्दे पर कोर्ट जा सकते हैं, लेकिन जायेंगे नहीं। हां अगर यह मकान किसी दूसरे को दिया गया तो जरूर कोर्ट जायेंगे।
यहां यह यह बताना जरूरी है कि वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष गरीब दास समाजवादी पार्टी के ही है। तो क्या सपा अध्यक्ष ने श्री पांडेय का आवास खाली कराया? इस सवाल पर सभी सपाई एक जुट है। उनका कहना है कि यह सब जेल भेजने की धमकी के सहारे कराया गया गया। स्वयं माता प्रसाद पांडे भी खुद ऐसा ही मानते हैं। वे कहते हैं कि यह सत्ताधारी दल का चऱित्र है और सभी उसके चरित्र से वाकिफ हैं।