पेड से दूध निकलने को देवी का चमत्कार मान रहे लोग, विशेषज्ञ ने बताया रोग
एम.आरिफ
इटवा, सिद्धार्थनगर। स्थानीय क्षेत्र के सगराजोत गांव में नीम के वृक्ष से दूध जैसे द्रव्य की धार देख ग्रामीण भ्रमित हो गए। ग्रामीण दैवीय चमत्कार मान इस वृक्ष की पूजा करने लगे हैं। वृक्ष के नीचे चढावा भी चढने लगा है। जबकि वैज्ञानिक इसे एक फिजियोलॉजीकल डिसआर्डर बता रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक इटवा क्षेत्र के सगराजोत गांव के भुनेश्वर यादव के घर के सामने लगे नीम पेड़ से दूध जैसा द्रव निकलने का सिलसिला सोमवार शाम से शुरू हुआ। कुछ लोगों ने देखा कि नीम के इस वृक्ष से दूध जैसा द्रव्य निकल रहा है। यह देख ग्रामीण हतप्रभ हो गए।
तरह–तरह की चर्चाओं के बीच लोग इसे देवी मां की नाराजगी के आंसू के रूप में मानने लगे। कुछ ग्रामीणों ने तो देवी को मनाने के लिए वृक्ष की पूजा भी शुरु कर दी। पदार्थ को असाध्य रोगों के लिए लाभकारी मान कर प्रसाद के रूप में घर भी ले गए। यह सिलसिला अभी जारी है।
क्या कहते है विशेषेज्ञ
इस बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र सोहना के वैज्ञानिक डा. मार्कन्डेय सिंह का कहना है, कि पेड़ों से द्रव्य निकलना एक फिजिलॉजीकल डिसआर्डर है। ये हर पेड़ो में नहीं निकलता है। पहले भी इस तरह की घटनाएं देखी गई हैं।
जिन पेड़ों से ऐसा द्रव्य निकलता है, उसका मुख्य कारण है कि कापर की कमी से असंतुलन के चलते वृक्ष की कोशिकायें फट जाती हैं। जिससे वह सफेद द्रव के रूप में बाहर निकलती है। जबकि ये पदार्थ कई रोगों के लिए लाभकारी भी माना जाता है। इसे किसी चमत्कार से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।