महनुआ गांव का तनाव समाप्तः मंदिऱ-मस्जिद के बजाए अब मौके पर विवाह घर बनेगा
मंदिर शिलान्यास का छप चुका था कार्ड, मगर एसडीएम प्रदीप यादव व सीओ अजय श्रीवास्तव ने सूझ बूझ से निकाल लिया मसले का हल
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज तहसील के ग्राम महनुआ खास गांव में बंजर जमीन पर मंदिर-मस्जिद बनाने केविवाद का हल निकल आया है। अब वहां किसी धार्मिक स्थल के निमारण के बजाए विवाह घर बनाने पर सहमति बन गई है। इस प्रकार एक संवेदनशील समस्या का उचित हल निकल आया है।जिसकी शांतप्रिय लोगों के बीच काफी सराहना हो रही है।
डुमरियागंज तहसील के महानुआ खास गांव में खाली पड़ी बंजर जमीन पर कुद लोगों की आंखें गड़ी थीं। अचानक एक खबर आईकि क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोग वहां मंदिर निर्माण करना चाहते हैं। इसके बाद यह खबर भी सार्वजनिक हुई कि एक अन्य पक्ष वहां मंस्जिद बनाने का ख्वाब देख रहा है। इससे क्षेत्र में अंदर ही अंदर तनाव बढ़ने की आशंका से लोग चिंतित हो गये।
अचानक उसी भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए 27 अप्रैल को शिलान्यास किए जाने सम्बंधी निमंत्रण कार्ड वितरित किए जाने लगे। यह देख कर अचानक ग्राम प्रधान महनुआ खास के ग्राम प्रधान नसीबुल्लाह सक्रिय हो गये। उन्होंने उच्चाधिकारियों को हालात से अवगत कराते हुए बताया कि वहां विवाह घर का निर्माण प्रस्तावित है, मगर अचानक मंदिऱ-स्जिद का विवाद उठ जाने से गांव संवेदनशील हो उठा है। इससे तनाव भड़कने की आशंका है। उन्होंने धिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए किसी प्रकार राजी कर लिया।
ग्राम प्रधान नसीबुल्लाह की इस सूचना पर तहसील के अफसरों को हालात की गंभीरता का एहसास हुआ और उन्होंने इसदि में लोगों को समझाने का प्रयास किया। मंदिरनिर्माण में सत्ता पक्ष के कई नेताओं के नाम सामने आ रहे थे। अफसरों ने उनसे बात कर उन्हें संतुष्ट किया, फिर वहां मंदिर- स्जिद के बजाएविवाह घर बनाने पर सहमति हुई इस प्रकार एक बड़ी उलझन समाप्त हुई। सीओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब वहां कोई आंछनीय हरकत हुई तो क़ड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस सम्बंध में ग्रामीण स्थानीय प्रशासन खास कर एसडीएम प्रदीप यादव व सीओ अजय कुमार श्रीवास्तव की भूमिका की तारीफ कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव बाद से ही डुमरियागंज क्षेत्र की संवेदनशीलता बढ़ रही थी। ऐसे में दोनों अफसरों ने सूझ बूझ का प्रयोग करते हुए हालात को बिगड़ने से बचा लिया जो वाकई काबिले तारीफ है।