संविधान की मूल भावना के खिलाफ है नगरिकता संशोधन विधेयक़- नागेन्द्र
— एआर फारउंडेशन ने नागरिकता कानून का किया विरोध
अनीस खान
सिद्धार्थनगर। नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी मौलाना अब्दुल कय्यूम रहमानी फाउंडेशन के तत्वाधान में जिला मुख्यालय पर विरोध कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसके तहत एक सभी की गई, जिसमें तमाम लोगों की भगी दारी रही।
इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नागेन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने देश की स्वतन्त्रता के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यैछावर कर दिया।सभी धर्मों के लोगों ने सामूहिक रुप से स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया।उन्होंने कहा कि मैजूदा मोदी सरकार ने नागरिकता अधिनियम में जो संसोधन किया है वह संविधान की धारा 14 व 15 के विरुद्ध है।यदि पड़ोसी देशों से आये पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का मामला है हम उसका विरोध नहीं करते लेकिन धर्म का आधार बनाने का हम विरोध कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि यह विघटनकारी निर्णय है। उनहोंने कहा कि हम सभी देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मांग करते हैं कि इस संसोधन को निरस्त कर दे।ॽ
इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश को संबोधित अधिनियम के विरोध में मांगपत्र रजिस्ट्री द्वारा भेजा गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे फाउंडेशन के अध्यक्ष बदरे आलम ने कहा कि पूरे जनपद पांच हजार लोगों के द्वारा पटीशन मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा जायेगा।इस मौके पर अर्जुन सिंह लोधी, नजीर अहमद मलिक, देवेन्द्र नाथ अम्बेडकर, गया प्रसाद भाष्कर, रमेश कुमार निगम, श्यामलाल शर्मा, हरीराम यादव आदि लोगों ने भी मुख्य न्यायीधीश को पत्र भेजा।