भागीदारी आंदोलन मंच के उम्मीदवार शेषमणि प्रजापति का पर्चा खारिज
— चुनाव में लिपिकीय त्रुटि के कारण पर्चा खारिज कने का प्राविधान नहीं शेषमणि
नजीर मलकि
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज से भागीदारी आंदोलन मंच समर्थित उम्मीदवार और अपना दल के नेता रहे शेषमणि प्रजापति का आज पर्चा खारिज कर दिया गया। शेषमणि ने मीडिया से कहा है कि उनका पर्चा सत्ता पक्ष के इशारे पर खारिज किया गया है। वरना लिपिकीय त्रुटि के कारण नामांकन रद करने का कोई प्राविधान ही नहीं है। इस घटना की संसदीय क्षेत्र में व्यापक चर्चा है।
क्यों हुआ नामांकन खारिज
पता चला है कि शेषमणि आज पर्चा जांच के दिन कलक्बट्रट पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि की दनके नामांकन में त्रुटि है। इसके बाद उनहोंने कहा कि लिपिकीय त्रुटि के आधार पर पर्चा खारिज नहीं किया जा सकता इसके बाद पर्चा जांच का समय बीतने के बाद उनका नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया इस पर शेषमणि ने प्रतिवाद किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई।।
क्या कहा उम्मीदवार ने?
इस बाबत भाजपा गठबंधन के सहयोगी दल के प्रवक्ता/नेता रहे शेषराम पजापति ने बताया कि नामांकन के दिन लिपिकीय त्रुटियों को ठीक कराना प्रशासन का कर्तव्य है। केवल दस्तावेजी कमी की वजह से पर्चा रद किया जा सकता है। लेकिन प्रशासन ने इस नियम की अवहेलना कर उनका पर्चा रद कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह काम सत्ता पक्ष के इशारे पर किया गया है। इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी एगी।
क्या है फ्लैश बैक
बता दें कि शेषमणि प्रजापति अपना दल के नेता रहे हैं, जो भाजपा की सहयोगी दल है। शोहरतगढ क्षेत्र से अपना दल के अमर सिंह चौधरी विधायक भी हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जगदम्बिका पाल के विरोध का एलान भी कर रखा है।
उल्लेखनीय है कि अपना दल के मीडिया प्रभारी शेषमणि प्रजापति भागीदारी आंदोलन मंच के समर्थन से उम्मीदवार हो गये। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उम्मीद के कुम्हार वर्ग और विधायक वौधरी अमर सिंह के कुर्मी बिरादरी के नाते इस वर्ग के कुछ वोट भाजपा से छिटक जाते, जिससे भाजपा को ही नुकसान होता। शेषमणि के आरोप के मुताबिक भाजपा ने इस नुकसान से बचने के लिए यह साजिश की है।