जिला पंचायत वार्ड संख्या 22 के दिग्गजों में चल रही कांटे की टक्कर, त्रिकोण संघर्ष के आसार
प्रसपा के प्रतीक शर्मा, सपा के तौलेश्वर निषाद व बसपा के नजरे आलम की प्रतिष्ठा दांव पर
इसके अलावा भी दांव पर लगी है विभिन्न राजीनीतिक दलों कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला पंचायत सदस्य वार्ड नम्बर 22 जिले की हाट सीटों में शुमार हो रही है। हालांकि यह महिला सीट है, लेकिन उन प्रत्याशियों के पीछे दरसल उनके उनके परिवार के उन सदस्यों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, जो क्षेत्र में राजनीति करते हैं। यहां से शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा से मिथिलेश शर्मा उम्मीदवार है। उनके पति स्व. सुधीर शर्मा जिल सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान मे इसी पद पर उनके बटे प्रतीक राय शर्मा हैं। कयास लगाया जा रहा है कि चुनाव जीतने पर मिथिलेश शर्मा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए प्रसपा की ओर से उम्मीदार हो सकती हैं। इसलिए 22 नम्बर वार्ड रातों रात बहुत महत्वपूर्ण हो चुका है।
बसपा समर्थित प्रत्याशी सयाकुन्निशां अपने समर्थकों के साथ
श्रीमती मिथिलेश के मुकाबले में सपा नेता तौलेश्वर निषाद की मां ध्यानमती देवी, भाजपा से विनय त्रिपाठी की पत्नी श्रीमती पूजा त्रिपाठी व बसपा नेता नजरे आलम की पत्नी सयाकुन्निशां चुनाव लड़ रही हैं। इनके अलावा आधा दर्जन महिलाएं और भी मैदान में उतरी हुई हैं। इन महिलाओं की उम्मीदवारी के कारण जहां इनके परिजनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, वहीं पर कई खास नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। मिसाल के तौर पर सपा की ध्यानमती के पुत्र तौलेश्वर निषाद पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के काफी करीबी माने जाते हैं, तो सयाकुन के पति नजरे आलम बसपा नेता अरशद खुर्शीद के चहेते समझे जाते हैं। इसी प्रकार मिथिलेश शर्मा को प्रसपा नेता कमाल यूसुफ का समर्थन है तो पूजा त्रिपाठी को प्रदेश के शिक्षा मंत्री की कृपा मिली हुई है। आपको ज्ञात होगा कि उक्त चारों ही नाम जिले के दिग्गज नेताओं में शुमार है।
लगभग 40 हजार मतदातओं वाले इस क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता लगभग 40 प्रतिशत है, इनके और दलितों के मत पर बसपा प्रत्याशी सयाकुन्निशां अपनी स्थिति मजबूत मान रही है। परन्तु तटस्थ लोग मानते हैं कि यहां मुस्लिम मतों पर कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम, सपा नेता व पूर्व विधनसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित कोआपरेटिब बैक के अध्यक्ष रहे स्व. सुधीर शर्मा के परिवार की भी अच्छी पकड़ है। यह अतीत में देखा भी गया है। इसलिए अभी से सारे मुस्लिम मतों का सयाकुन्निशां के पक्ष में मान लेना अतिश्योक्ति कही जाएगी। अब बचे 60 प्रतिशत मतों में सपा की ध्यानमती, भाजपा की पूजा त्रिपाठी और प्रसपा प्रत्याशी मिथिलेश शर्मा बराबर की दावेदार हैं। लेकिन इनमें प्रसपा प्रत्याशी श्रीमती शर्मा का पीढ़ियों से सेकुलर राजनीति में बड़ा दखल रहा है, इसलिए इस बात की चर्चा है कि क्षेत्र में उनकी बिरादरी के सौ वोट भी न होने के बावजूद सभी जातियों में उनका समर्थक वर्ग है।
फिलहाल देखा जाये तो क्षेत्र में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अभी सियासी आसमान पर धुंघ के बादल हैं। इसलिए पता नहीं चल रहा कि संघर्ष की वास्तविक स्थिति क्या है। अभी कम से कम पांच लोग मैदान में लड़ते दिख रहे हैं। परन्तु यह भी तय है कि अगले सप्ताह संघर्ष का रूख बदलेगा। पंचकोणीय संघर्ष सिमट कर त्रिकोण हो जायेगा अथवा सीधी लड़ाई में तब्दील हो जाएगा। यह भी हो सकता है पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम के बल पर उनका समर्थित उम्मीदवार उभर कर सामने आ जाये। फिलहाल इस सीट के सभी प्रत्याशी मतदाता के घर घर जा रहे हैं। लेकिन मतदाता मुखर नहीं हो रहा है। इसलिए इस सीट पर संघर्ष का असली सच जाने के लिए पांच दिन प्रतीक्षा करें और वाच करते रहें कपिलवस्तु पोस्ट।