नेपाल में भारत समर्थक नेपाली सांसद सरिता गिरि बर्खास्त, भारतीय चैनलों पर भी रोक लगी

July 10, 2020 2:35 PM0 commentsViews: 353
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परमात्मा प्रसाद उपाध्याय

कृष्णानगर, नेपाल। आखिर नेपाल समाजवादी पार्टी के सांसद सरिता गिरी को सांसद पद से हटा ही दिया गया। वे नेपाली संसद में भारत के पक्ष में बोलने वाली एक मात्र आवाज थीं। इसी के साथ नेपाल में भारत के सभी समाचार चैनलों पर भी रोक लगा दी गई है। इससे सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत नेपाल के सम्बंध किस हद तक बिगड़ चुके हैं।

बताया जाता है कि नेपाल के संघीय संसद सचिवालय ने समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी को पद के रिक्त होने की सूचना भी दे दिया है। बताया जाता है कि सभाप्रमुख अग्नि प्रसाद सापकोटा ने समाजवादी पार्टी द्वारा प्राप्त पत्र के आधार पर यह निर्णय लिया है। कहा जाता है कि नेपाल के संविधान की धारा 89 के तहत यह कार्रवाई की गई है। बताया जाता है कि नेपाल में ओली सरकार द्वारा जो नया राजनीतिक नक्शा प्रकाशित किया गया था, जिसमें नेपाल ने भारत के कुछ हिस्सों को अपने में नक्शे में शामिल कर लिया उसके विरोध में सरिता गिरी ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए मतदान करने की कोशिश किया था और उन्होंने संसद का बहिष्कार भी किया था।

नए नक्शे के लिए संविधान में संशोधन का विरोध करने वाली सरिता गिरी का कसूर यह है कि उन्होंने सरकार से यह पूछ लिया कि किस आधार पर इन क्षेत्रों को नक्शे में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा पर दावे के लिए सरकार के पास कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के भी खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि किसी राष्ट्रीय प्रतीक में बदलाव के लिए पर्याप्त आधार की आवश्यकता है। सरकार ने इस विधेयक में नए नक्शे में शामिल किए जा रहे इलाकों को लेकर कोई आधार या सबूत नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि नेपाल का सीमा विवाद तो चीन के साथ भी है। नेपाल के पास हमारी जो जमीन है उसे हम नक्शे में क्यों नहीं शामिल कर रहे हैं? 

सरिता ने नए नक्शे का विरोध करते हुए एक संशोधन प्रस्ताव भी पेश किया और मांग की देश का पुराना नक्शा ही जारी रखा जाए। हालांकि, स्पीकर ने प्रतिनिधि सभा के रूल बुक की धारा 122 के मुताबिक उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह नियम कहता है कि कोई संशोधन बिल की मूल भावना के खिलाफ नहीं हो सकता है। इसके बाद सरिता गिरी सदन से बाहर चली गईं।

नेपाल में भारतीय चैनलों पर रोक

क अन्य खबर के मुताबक नेपाल में भारतीय चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। इसलिए अब सीमा पार के भारतीय मूल के नेपाली जन हिंदी समाचारों को नहीं देख सकेंगे। इसे राजनीतिक क्षेत्रों में भारत विरोध और चीन के समर्थन में एक और कदम बताया जा रहा है।बता दें कि भारतीय इलेक्ट्रानिक मीडिया चीन की दादागीरी का खुल कर विरोध कर रही है। माना जा रहा है कि नेपाल ने चीन के दबाव में यह कदम उठाया है।

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