बहन का कातिल उसका सगा भाई निकला, छोटी से बात पर ली थी जान
बड़ा ठोस था हत्या का प्लान, नदी में तैरती पाई गई थी लाश, पहली नजर में लगा कि डूब कर मरी है, मगर कातिल ने खुद खोला पूरा भेद
नजीर मलिक
छोटी बहन की हत्या का अभियुक्त धर्मेंन्द्र कुमार
सिद्धार्थनगर। मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के भपसी गांव निवासी 15 साल की कुमारी मानती की मौत का पर्दाफाश हो गया है। मानती कुमारी को मारने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका सगा भाई ही था। हत्या का कारण घर से रुपये चुराना था। इस घटना का पर्दाफाश होते ही पिता की तहरीर पर बेटे (मानती का भाई) धर्मेंन्द्र को पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। इससे उस निर्दोंष बालिका पर लग रहे भांति भांति के लग रहे लांक्षन से भी छुटकरा मिल गया है।
क्या थी मौत की पूरी कहानी
क्षेत्र के सेमरा गांव के पास से गुजरने वाली राप्ती नदी में दो अगस्त को एक किशोरी का उतराता हुआ शव मिला था। शव की शिनाख्त बगल के ही भपसी गांव में निवासी राजेंद्र ने अपनी 15 वर्षीय पुत्री मानती के रूप में की थी। जब 31 जुलाई को वह लापता हुई तो उन्हें शक हुआ कि नदी में नहाते समय डूब जाने से उसकी मौत हो गई होगी। लेकिन जब शव बाहर निकाला गया तो हाथ पैर बंधा हुआ था, जिससे हत्या की आशंका व्यक्त की जा रही थी। लेकिन कत्ल क्यों और कौन करेगा। इस बात को लेकर राजेंद्र परेशान थे। क्योंकि 14 साल की बच्ची ने किसका क्या बिगाड़ा है और क्यों मार देगा। यह सोचकर परेशान थे। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत की बात सामने आने के बाद और संशय में पड़ गए थे। लोग इस बच्ची के बारे में भांति भांति के किस्से गढ़ रहे थे।
भाई ने पश्चत्ताप भरे स्वर में बताया
पांच अगस्त शाम को इसी मसले पर चर्चा चल रही थी कि पुत्र धर्मेंद्र ने अचानक पश्चत्ताप भरे स्वर में कहा कि उससे गलती हो गई। उसने ही रुपये चोरी करने की शंका में गुस्से में उसका हाथ पैर बांधकर नदी में फेंक दिया था। परिजनों ने जब यह सुना तो सबके होश उड़ गए। रविवार शाम को पिता ने थाने पर तहरीर देकर हत्या करने का आरोप लगाया। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज करके आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर पूछताछ के बाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
एसओ ने बताया
इस संबंध में एसओ मिश्रौलिया मोतीलाल ने बताया कि मृतका के पिता की तहरीर पर भाई के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। पूछताछ में उसने नदी में फेंक देने की बात स्वीकार कर ली है।
मानती की आत्मा को मिली शांति
बताते चलें कि मानती की हत्या का राज जब तक नहीं खुला था तब तक लोग उसके बारें में भांति भांति के आरोप लगा कर उसे कलंकित कर रहे थे। मगर अब सगे भाई द्धारा सच कबूल करने के बाद उस कर भटकती आत्मा को कलंक से मुक्ति जरूर मिली मिली होगी। साथ हीपिता को भी सुकून मिल गया होगा।