अध्यक्ष जिला पचांयत के चुनाव में कुछ निर्दलीय भी तलाश रहे जीत की संभावनाएं
मिथिलेश शर्मा को पूर्व मंत्री कमाल यूसुफ व पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय दे सकते हैं समर्थन, सियासी उथल पुथल संभव
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शीघ्र संभाव्य जिला पंचायत चुनावों में भाजपा बबनाम बागी भाजपा की लड़ाई तथा रणनीतिक दृष्टि से सपा की निष्क्रियता के चलते मौके का फयदा उठाने के लिए पूरे हालात पर बड़ी बारीकी से नजर रख रहे हैं। लेकिन चूकि सिद्धार्थनगर जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिला के लिए सुरक्षित है, इसलिए इस मुहिम पर केवल एक दो प्रत्याशियों को ही सक्रिय देखा जा सकता है। जिला पंचायत अध्यद्वा पद की लडाई में एक और नाम शामिल हो सकता है। वह है श्रीमती मिथिलेश शर्मा का। जिनकी तरफ बहुत कम लोगों का ध्यान जा रहा है। मगर एक विशेष परिस्थिति में वह गंभीर प्रतिद्धंदी साबित हो सकती है।
तीसरा खेमा बनने की उम्मीदें
जैसी की आशंका है यदि विशेष परिस्थित में भाजपा में बगावत हुई तथा सपा ने अनिच्छापूर्वक चुनावों में भाग लिया तो पूर्व सपाई कांग्रेसी और अनेक निर्दल श्रीमती शर्मा के पक्ष में लामबंद होकर एक नया खेमा बना सकते हैं। तथा इन हालात में जिले के वरिष्ठ राजनीतिक और पूर्व मंत्री कमाल यूसुफ और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की ताकत उनके पक्ष में हो सकती है। इन दोनों वरिष्ठ सियासतदानों से श्रीमती मिथिलेश शर्मा के परिवार के दशकों से करीबी सम्बंध रहे हैं । इसके अलावा सत्ता पक्ष के कुछ लोग भी उनसे सहानुभति रखते है।
कौन है मिथिलेश शर्मा
बता दें कि श्रीमती मिथिलेश शर्मा कोआपरेटिव राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी रहे स्व. सुधीर राय शर्मा की धर्मपत्नी हैं। स्व. सुधीर राय शर्मा व उनके पिता स्व. शिवनाथ शर्मा जब तक सहकारिता की राजनीति में सक्रिय रहे कोई अन्य राजनीतिज्ञ पनप न सके। जिला सहकारी बैंक बस्ती और बाद में सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष पद पर अधिकतर इसी परिवार का वचर्स्व रहा। वर्तमान में श्रीमती मिथिलेश शर्मा के पुत्र प्रतीक राय शर्मा जिला सहकारी बैक के अध्यक्ष हैं। इन्हीं प्रतीक शर्मा की माता जा मिथिलेश शमा्र हैं जो जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में तीसरे मोर्च के तहत मैदान में उतारा जा सकता है। जनपदवासी बखूबी जानते हैं कि स्व. सुधीर शर्मा जीवन पर्यत माता प्रसाद के करीबियों में रहे यही नहीं कमाल युसुफ और उन माता प्रसाद से उनके रिश्ते स्व. शिवनाथ शर्मा के ही जमाने से से हैं।
मुस्लिम ओबीसी सदस्य का मन
जिला पंचायत चुनाव के सदस्यों पर यदि नजर डाली जाये तो इस बार मुस्लिम और ओबीसी के अधिक लगग दो दर्जन सदस्य चुनाव जीत कर आये हैं। इनमें करीब ड़ेढ़ दर्जन मुुस्लिम और यादव सदस्य भाजपा से दूरी बना कर रहना चाहते हैं। हालांकि सपा की निष्िक्रियता के चलते विकास व अन्य वादों के नाम पर वे भाजपा के पक्ष् में जाने को तैयार है, परन्तु इनसदस्यों की मनःस्थिति यह है कि अगर धर्मनिरपेक्ष राजनीति के झंडाबरदार शर्मा परिवार ने लड़ने की घोषणा की तो वे अपनी शर्तों पर उनके साथ ही जाना पसंद करेंगे।
इस प्रकार एक हालात यह भी मुमकिन है। इस बारे में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष व श्रीमती शर्मा के पुत्र प्रतीक राय शर्मा कहते हैं कि उनके परिवार की धर्मनिरपेक्ष विचाारधरा से पूरा जनपद वाकिफ है। इस लिए उन्हें इस पात का विश्वास है कि उनकी माता के चुनाव लड़ने पर राजनीतिक विचारधारा को से पे अनेक वरिष्ठजन उनकी मदद जरूर करेंगे।