निषादराज के जन्मदिन के माध्यम से सपा सिद्धार्थनगर में निषादों में प्रभाव बढ़ाने में जुटी
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर महर्षि कश्यप श्रृंगीवेरपुर नरेश निषाद राज महाराजा गुह की जयंती समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष माननीय लालजी यादव जी की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाई गई तथा महाराजा निषाद राज के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। राजीतिक हलकों में इसे सपा द्धारा निषादों में अपना प्रभाव बढ़ाने की कवायद मानी जा रही है।
उक्त कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष माननीय लाल जी यादव जी ने निषाद राज के वंशजों को बधाई देते हुए निषाद राज के गौरवशाली इतिहास को दोहराते हुए कहा कि महाराजा निषादराज गुह भगवान राम के अनन्य मित्र थे तथा रामचंद्र जी के वनवास के समय निषाद महाराज भगवान राम के अनन्य सहयोगी थे समाजवादी पार्टी हमेशा निषाद समुदाय की हितेषी रही है समाजवादी सरकार में हमारे नेता माननीय अखिलेश यादव जी ने निषाद समुदाय के लिए उनके हित में तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को चलाया था। आज भाजपा सरकार में निषादों का उत्पीड़न हो रहा है हमारी सरकार ने निषादों तथा मछुआ समुदाय के हित में जितने भी जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई थी उन सभी योजनाओं को बंद कर दिया गया है समाजवादी पार्टी सदैव निषाद समुदाय के साथ है।
सपा नेता तौलेश्वर निषाद जी ने निषादराज महाराजा गुह की जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर महाराजा निषाद राज गुह ना होते तो भगवान रामचंद्र जी का जीवन ही अधूरा था। यह दोनों लोग अनन्य मित्र होने के साथ साथ राज पुत्र थे महाराजा निषादराज गुह तथा श्री रामचंद्र जी की मुलाकात गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करते समय हुए थी और यह दोनों पड़ोसी राजा के पुत्र थे एक तरफ जहां भगवान राम राजा दशरथ के पुत्र थे वहीं दूसरी तरफ महाराजा गुरु के पिता सिंह बीरपुर इलाहाबाद के राजा थे भगवान राम के बाल सखा में सबसे अच्छे और नजदीकी मित्रों में से निषादराज गुह एक थे तथा वह उनके बाल सखा थे निषाद समुदाय के पूर्वज महाराजा श्रृंगी ऋषि ने महाराजा दशरथ ने पुत्रयेशठ यज्ञ कराया था इसलिए बिना निषाद राज गूह के भगवान रामचंद्र जी का जीवन है अधूरा है।
उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से तोलेश्वर निषाद, सरफराज भरमर, कन्हैया प्रसाद कनौजिया, अमरेंद्र निषाद, मनोज साहनी, विनोद निषाद, लवकुश साहनी, रोहित श्रीवास्तव आदि उपस्थिति रहे।