सैकड़ों नेपाली नागरिक नो मेन्सलैंड पर फंसे, जबरन सीमा पार करने का प्रयास, सुरक्षाबलों ने खदेड़ा
— नेपाल सीमा पर एकत्र हुए नेपाली नागरिकों ने पिछले सोमवार से नेपाल में प्रवेश करने का कई राउंड प्रयास किया, लेकिन उन्हें नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल के सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया।
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। कोरोना के कारण भारत के दिल्ली, बम्बई , गुजरात, बंगलूर आदि बड़े शहरों में रहने वाले हजारों की रोजी रोटी का भारी संकट आ पड़ा है। अब ऐसे सभी नेपाली नागरिक अपने देश नेपाल लौट रहे हैं। मगर उनको भारत़-नेपाल सीमा पर रोक दिया जा रहा है। ऐसे ही सैकड़ों नेपाली नागरिक जिले में सीमा के नो मेंस लैंड क्षेत्र में फंसे हुए हैं। उन लोगों ने कई बार जबरन सीमा में प्रवेश कर नेपाल के कपिलवस्तु व रुपनदेई जिले में जाने की कोशिश भी की मगर हर बार सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ कर नो मेंस लैंड क्षेत्र में वापस धकेल दिया।
बताया जाता है कि पलायित होकर आये सैकड़ों नेपाली नागरिकों ने गत दिवस जनपद सिद्धार्थनगर के विभिन्न चेक पॉइंट्स और पगडंडियों का सहारा लेते हुए नेपाल में घुसने का प्रयास किया। लेकिन उनके प्रयास को भारत की एस एस बी और नेपाल के सशस्त्र प्रहरियों ने असफल कर दिया। इस तरह भूखे प्यासे छाया विहीन नेपाली नागरिकों को अभी भी मानव विहीन सीमा पट्टी पर ही रह रहे हैं। शुक्रवार तक तक भारत नेपाल सीमा पर नेपाली नागरिकों की संख्या लगभग 450 बताई जा रही है नेपाली मजदूरों ने बताया कि बम्बई से सीमा क्षेत्र तक आने में एक हफ्ते का समय लगा है।
भारत में फंसे लगभग 450 नेपाली बुधवार को एक बार फिर नेपाली सरहद में दाखिल होने का प्रयास किया। बताते हैं कि बुधवार दोपहर तक कपिलवस्तु में नेपाल-भारत की सीमा के साथ होम बाउंड नेपाली लोग नो-मैन्स लैंड के आगे नेपाली भूमि के काफी अंदर चले गए थे। लेकिन नेपाली सशस्त्र पुलिस बल के सुरक्षाकर्मियों ने उनको सीमा पार करने से रोक दिया, क्योंकि देश अभी कोविद -19 के प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन में है। इधर भारतीय सीमा पर एस एस बी के एक इंस्पेक्टर का कहना है कि बॉर्डर पूरी तरह से बंद है किसी को सीमा पार जाने का आदेश नहीं है।
मंगलवार को सीमा क्षेत्र में कुल 155 लोगों ने रात बिताई और बुधवार को वे 188 अन्य लोगों में शामिल हो गए। अड़सठ लोग मरियादापुर में नो-मैन्स-लैंड में, चाकरचौड़ा में 81, हरदौना में 62, कृष्णानगर में 48, भीलमी में 46 के ग्रुप में थे। इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है कि वह नेपाल में लौटने वालों को प्रवेश करने की अनुमति देता है या नहीं।
बताते चलें कि कई राउंड के प्रयास के बाद भारतीय सीमा पर स्थित गांव के नागरिकों ने नेपाली नागरिकों को मदद दी उन्हें खाना खिलाया और टेंट की भी व्यवस्था की और देर रात को उन्हें नेपाली भू भाग में जाने में सहायता पहुँचाई सूत्रों ने बताया कि अब तक लगभग सैकड़ों लोगों को भारतीय क्षेत्र से नेपाली नागरिकों को रात के अंधेरे में बॉर्डर पार कराया जा चुका है।