तीन माह तक स्कूलों की फीस व बिजली बिल माफ करे सरकार, ह्वाट्सएप की पढ़ाई एक धोखा
जमील खान
इटवा, सिद्धार्थनगर।देश में कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है, लोगों के कारोबार बंद हैं, लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लोगों को परिवार चलाने का संकट है, ऎसे समय प्रदेश में निजी स्कूलों के मालिक अभिभावकों से फीस के लिए लगातार मैसेज व दबाव बना रहे हैं जो सरासर ग़लत है।ऐसी शिकायतें भी आ रही हैं कि स्कूल किताबे तक खरीदने के लिए अभिभावकों को कमीशन के लिए बुकसेलर का नाम बता रही है, सरकार संकट के समय में बच्चों की 3 माह की फीस माफ करे, साथ ही कमर्शियल एवं घरेलू बिजली के 3 माह के बिलों को सरकार माफ करे।
प्रदेश में जितने भी प्राइवेट स्कूल हैं, उन्हें यह निर्देशित किया जाए कि वे अगले 3 महीनों तक स्कूलों की फीस माफ करें। निजी स्कूलों को जो फीस को लेकर अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं उन्हें रोका जाए। बंदी की वजह से लोगों के सामने परिवार चलाने का संकट है और इस समय बिजली का बिल व बच्चों की फीस जमा कर पाने में परेशानी होगी।
ऑनलाइन ट्रेनिंग के नाम पर व्हाट्सएप द्वारा शिक्षा मात्र एक छलावा
प्रशासन द्वारा स्कूलों को ऑनलाइन ट्रैनिंग के लिए निर्देश दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत स्कूलों ने व्हाट्सएप ग्रुप बना कर नोट्स शेयर कर अपनी ज़िम्मेदारी से छुटकारा पा जा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि जिन छात्रों को स्कूलों में रेगुलर पढ़ाने के बाद भी ट्यूशन करवाना पड़ता था वो व्हाट्सएप पर लिखे हुए नोट्स से क्या समझेंगे!
प्रशासन को चाहिए कि सेंट्रलाइज्ड स्टडी मैटेरियल्स और ऑनलाइन शिक्षण तकनीक विकसित कर स्कूलों को दे जिसका प्रयोग कर स्कूल अपने छात्रों को ऑनलाइन स्कूलिंग करवा सकें। व्हाट्सएप की ये पढ़ाई छात्रों के लिए सिर्फ धोखा है।
कोरोना महामारी को देखते सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन में लोगों से अपील है कि लोग सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें और घर से बाहर न निकलें और लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करें ।