मई ख़ास है……देश और कांग्रेस के लिए गौरव का विषय – डा. च्ंद्रेश उपाध्याय
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। देखिए कितनी देशद्रोही है कांग्रेस इसने सिक्किम को भी देश में मिला लिया था…..संयोग यह कि महीना भी मई का ही था। तारीख थी 16 मई 1975 जब इंदिरा जी ने सिक्किम के राजा पाल्देन ठोंडुप की हेकड़ी निकाल दी थी। वह भी जनमत संग्रह करवा कर। हालात यूं हुए कि वही राजा जब जनता में निकला तो लोगों ने इसे जूते चप्पल तक दिखाए।चुनाव लड़ा तो 32 के मुकाबले 1सीट मिली ऊपर से बुराई यह कि उस प्रतिनिधि ने भी राजा के नाम की शपथ लेने से मना कर दिया।विधानसभा में राजा के आने तक का चयनित प्रतिनिधियों ने विरोध कर दिया और सिक्किम के नाम की शपथ ली।ऐसे सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना।चीन और पाकिस्तान मुँह ताकते रह गए।
इसे कहते हैं कूटनीति और निर्णय लेने की क्षमता और खुद पर विश्वास……जनमत संग्रह करवा कर भी निर्णय सर्वसम्मति से कैसे पक्ष में किया जाता है।यह गुण इन्दिरा गांधी में था।यूं ही उन्हें लौह महिला नहीं कहा गया था।
मारग्रेट थैचर यूं ही उनकी मुरीद नहीं थीं।
कश्मीर पिछले लगभग एक साल से देश से कटा है।अगर कोई ख़बर आती है तो जवानों की शहादत की।जनमत संग्रह की बात को यूएन ले जाने की बात पर उछल कूद मचाने वाले इंदिरा और काँग्रेस से बहुत कुछ सीख सकते हैं।जिन्हें 3 साल सत्ता में हिस्सेदारी के बाद भी हमारी सेना के बल का ही सहारा है।कहाँ गया इनका राजनीतिक बुद्धि ,वाकचातुर्य और कूटनीति…न जाने कब तक देश जवानों को वर्तमान सरकार की अनुभव और समझ कमी तथा राजनैतिक लाभ की वेदी पर चढ़ना पड़ेगा…..
आखिर कांग्रेस ने देश के लिए किया क्या है?