आरक्षण सूची पर रोक से पंचायत चुनावों में देरी की आशंका, सिद्धार्थनगर से भी 4 सौ आपत्तियां
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। आरक्षण प्रकिया के नियमानुसार न होने सम्बंधी दाखिल याचिका पर हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आरक्षण प्रकिया पर रोक लगा दिया है। हाई कोर्ट के इस आदेश से चुनावों में कुछ देर होने की आशंका खड़ी हो गई है। साथ ही आरक्षण के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराने वालों को उम्मीद की किरन दिखने लगी है। इनमें सिद्धार्थनगर जिले की चार सौ आपत्तियां भी शामिल हैं।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आरक्षण प्रकिया पर सरकार रोक लगाते हुए 15 मार्च तक शासन से जवाब मांगा है तथा कहा है कि सुनवाई से पूर्व आरक्षण सूची को अंतिम रूप न दिया जाए। याद रहे कि अजय कुमार ने याचिका दाखिल कर पंचाायत चुनावों के लिए 11 फरवरी को जारी शसनसदेश को चुनौती दी थी, जिसमें आरक्षण का आधारवर्ष 1995 माना गया था। याचिकाकर्ता अजय कुमार के अनुसार शासन की यह मंशा कानून की मंशा के खिलाफ है।हाई कोर्ट ने पंचायत चुनावों में आरक्षण व आवंटन पर रोक लगाते हुए पक्षकारों को निर्देश दिया है कि इस प्रकरण में शासन पेश होकर अपना पक्ष रखे।
इस फैसले से सिद्धार्थनगर में भी चार सौ आपत्ति दाखिल करने वालों के चेहरों पर उम्मीद की एक किरन दिखी है, जिनका कहना था कि कई क्षेत्रों को काट और जोड़ कर तथा 1995 को आधार वर्ष बना कर जिस प्रकार आरक्षण किया गया वह जन भावना के खिलाफ है। इसी के साथ जिन क्षेत्रों पर आपित्त दाखिल की गई है, वहां के वह लोग बहुत निराश हैं जो अपने को उम्मीदवार मान कर तैयारी कर रहे थे। उन्हें आशंका है कि यदि उनका आरक्षण बदला गया तो उनके सपने टूट सकते हैं। फिलहाल हाई कोर्ट के इस फैसले से चुनाव में कुछ देर होने कि आशंका तो हो ही गई है। अब यह देर किस अवधि तक होगी, यह हाई कोर्ट को देखना है।