आरक्षण सूची तैयार, मंगलवार को निकल सकती है लिस्ट. प्रस्तावकों के चरित्र का पुलिस वेरीफिकेशन भी संभव
1139 ग्राम पंचायतों का आधा भाग आरक्षण की जद में,
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां अपने अन्तिम चरण में हैं। वोटर लिस्ट का अनन्तिम प्रकाशन हो चुका है। ग्राम पंचायतों की आरक्षण सूची भी तैयार हो चुकी है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो उसका प्रकाशन कल यानी मंगलवार को हो जायेगा। एक अन्य खबर के अनुसार इस बार के चुनाव में उम्मीदवारों के प्रस्तावकों का प्रशासन के निर्देश पर पुलिस द्धारा वेरीफिकेशन भी किया जा सकता है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायतों के आरक्षण का काम निपटाया जा चुका है। इस बार आरक्षण का आधार वर्ष 1995 से अब तक हुए चुनावों के मद्देनजर अनारक्षित गांवों को आरक्षण में वरीयता का नियम बनाया गया है। इसलिए इस बार अनुसूचित जाति जनजाति की कम संख्या होने के बावजूद अनारक्षित जाति बहुल (सवर्ण मुस्लिम बहुल) अनेक गांव आरक्षण की जद में आ गये हैं। इससे सामान्य जाति के लोगों में निराशा देखी जा रही है।
उदाहरएा के लिए सैकड़ों ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति न जनजाति की आबादी 5 से लेकर 10 प्रतिशत है। मगर नये चयन के आधार पर वे भी आरक्षण की जद में हैं। ऐसे गांवों के लोग चौपालों व चाय पान की दुकानों पर इस नियम की आलोचना करते हुए इसे अन्याययपूर्ण फैसला बता रहे हैं। खैर, इन बहसों से इतर अब आरक्षण सूची बन कर तैयार है। यदि कोई आकस्मिक दिक्कत न हुई तो इसे मंगलवार को सार्वजनिक किया जा सकता है। जिसकी जानकारी ब्लाकों से ली जा सकती है।
इस सिलसिले में फिजां में तैर रही एक और चर्चा है क इस बार उम्मीदवारों के प्रस्तावकों के चरित्र का पुलिस विभाग द्धारा वेरीफिकेशन कराया जा सकता है। हालांकि जिला निर्वाचन कार्यलय सिद्धार्थनगर ने ऐसी किसी जानकारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन राजधानी में यह चर्चा है कि सम्भवतःदेर सवेर ऐसा कोई निर्देश आ जाये। वैसे अगर उक्त प्रकार का आदेश नहीं भी आता है तो भी उम्मीदवारों को चाहिए कि वे अपना प्रस्तावक किसी निष्कलंक छवि के व्यक्ति को ही बनाएं। इससे उनकी राजनीतिक छवि और निखरेगी।
बता दें कि जिले में कुल 1139 ग्राम पंचायतों में चुनाव होना है। गत चुनाव में यह संख्या 1199 थी। परन्तु नया नगर पंचायतों के गठन व परिसीमन के कारण इनकी तादाद 60 ग्राम पंचायतें कम हो गईं हैं। इनमें 260 ग्राम पंचायतें अनुसूचित तथा लगभग 326 ग्राम पंचायतें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की जानी हैं।