केन्द्र व प्रदेश सरकार रोजगार देने के नाम पर केवल खोखले दावे कर रही- अरशद खुर्शीद

June 9, 2020 12:43 PM0 commentsViews: 433
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— इटवा को शून्य से शिखर पर ले जाने का शिक्षामंत्री का छावा झूठा साबित हुआ

आरिफ मक़सूद

इटवा, सिद्धार्थनगर। इटवा विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्शी रहे अरशद खुर्शीद ने कहा है कि मुंबई, दिल्ली, गुजरात आदि बड़े शहरों से पलायन करके लाखों की संख्या में प्रवासी कामगार यहां आ चुके हैं, जो अब बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।  इन्हें काम देने के बजाए केन्द्र और प्रदेश की सरकार केवल खोखले दावे कर रही है।

उन्होंने अपने कार्यालय पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि इस पिछड़ो क्षेत्र में आजादी के बाद से ही कोई उद्योग व कारखाना नहीं लगाया गया है। यदि यहां के जनप्रतिनिधि क्षेत्र के प्रति संवेदनशील रहते और कोई उद्योग की स्थापना कराए होते तो प्रवासी कामगारों को कोरोना महामारी में परेशान न होना पड़ता। उन्होंने जनता से कहा कि वे मौजूदा सरकार से सवाल रें कि सरकार संकट की इस घड़ी में उनके लिए क्या कर रही है।

उन्होंने ने शिक्षा विभाग में हुए भ्रष्टाचार पर सवाल करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग में भारी घोटाला हुआ है, जिस पर एक्शन लेने के बजाए जिम्मेदार खामोश बैठे हैं। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक एंव बेसिक शिक्षा मंत्री पर क्षेत्र में कोई विकास नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में जिले का शिक्षा विभाग नाकारा साबित हो रहा है। यही नहीं मंत्री जी के कार्यकाल में  इटवा विधान सभा में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभत सुविधाओं की स्थापना ठप पड़ गई है।  सडकों की हालत तो बेहद दयनीय हो चुकी है।

अरशद खुरशीद ने कहा कि भाजपा सरकार में चारों ओर भ्रष्टाचार बढ़ा है। सड़कें बद से बदतर है, लोग खुद की व्यवस्था से पटाई करा रहे हैं। अस्पताल में दवाओं व डाक्टर का टोटा है। स्थानीय मंत्री पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है कि पूरे प्रदेश से उनके इस्तीफे की मांग हो रही है। विकास के मामले में इटवा पहले भी पिछड़ा था और आज भी पिछड़ा है। उनका शून्य से शिखर तक का दावा पूरी तरह झूठा साबित हुआ है।

अंत में उन्होंने कहा कि सिद्धार्थनगर जिले में भष्टाचार का बोलबाला है। सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी चरम पर है। पुलिस ज्यादती के मामले हैं। स्वास्थ्य सेवा बदहाल है, जबकि स्वास्थ्य मंत्री इसी जिले से हैं। इसलिए जनता को इस सरकार के खिलाफ कमर कस कर खड़े हो जाना चाहिए।

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