अभी नहीं खुल पायेगा नेपाल बार्डर, पर्यटकों की उम्मीदेेंं टूूटींं, सीमाई आबादी बुरी तरह प्रभावित
निजाम जीलानी
ककरहवा, सिद्धार्थनगर। भारतीय पर्यटकों की उम्मीदें एक बार फिर टूट गईं हैं।नेपाल सरकार ने कोरोना महामारी के बीच फिर से बॉर्डर सील रहने की अवधी बढ़ा दी है। पहले 16 अक्टूबर तक केलिए बार्डर बंद रखने कानिर्णयलिया गया था। उसे बढाकर अब 15 नवम्बर तक कर दिया है। इसकी पुष्टि करते हुए नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने नेपाली मिडिया से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है ।
विदेश मंत्री की पीसी से पता चला है कि भारत नेपाल बार्डर अब १५ नवम्बर को खोला जाएगा। इससे प्रकृति में रचि रखने वाले भारतीयों को धक्का लगा है। १५ नवम्बर के बाद नेपाल में ठंड बुत बढ़ जाती है। इसलिए उस समय पर्यटना का कोई महत्व नहीं रह जाता। जाहिर है अब नेपाल की पर्यटकी अथवा धार्मिक यात्रता अब अगले वर्ष फरवरी से ही की जा सकती है। बता देंकि सस्ते पर्यटन की ष्टि से नेपाल ही दुुनियां का सबसे बेहतर देश है। यहां पहाड़ों, झरनों, झीलों आदि की कुदरती छटा विश्व के किसी भी पर्यटन स्थल से कम नहीं है।
बार्डर बंद होने से सीमाई आबादी बुरी तरह प्रभावित
बार्डर सील होने से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग भी बुरी तरह प्रभावित हैं। बिगत सात माह से भारत नेपाल सीमा सील है जिसका नुकसान भारत और नेपाल सीमा से सटे कारोबारी और दुकानदार उठा रहे है। सात महीने से दुकान बंद होने के कारोबार ठप होने के साथ साथ दुकान का किराया बिजली की बिल आदि की आर्थिक मार पड़ रही है। नेपाल की रोजमर्रा का पूरा सामान सीमा से सटे बाज़ारो से ही पूरा होता है, जिससे दोनों देशो के लोगो और व्यापरियों मे खासा रोष है। इसका असर बॉर्डर से सटे क़स्बा ककरहवा धनगढ़वा अलीगढ़वा बजहा मे देखा जा सकता है। इससे सरहदी इलाकों मे बसने वाले लोगो का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।