लॉक डाउन के दौरान पुलिस की पिटाई से मंदिर के पुजारी की दर्दनाक मौत
मनोज कुमार सिंह
गोरखपुर। लाकडाउन के दौरान आज दोपहर आजाद चौक स्थित हनुमान मंदिर के वृद्ध पुजारी टिकोरी उर्फ कोइल दास निषाद की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई। पुजारी मंदिर की सफाई करने वाले लड़़के को पीटने से बचाने की कोशिश कर रहे थे। परिजनों का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने वृद्ध पुजारी के सीने पर बूट से प्रहार किया जिससे उनकी मौत हो गई।
आजाद चौक पर हनुमान जानकी मंदिर है। इस मंदिर में टिकोरी उर्फ कोइल दास निषाद परिवार सहित रहते हैं और पूजा का काम करते हैं। उनकी पत्नी ने बताया कि आज दोपहर वाहन से आए चार पुलिस कर्मी लाकडाउन के दौरान लोगों को घर में रहने की हिदायत दे रहे थे। इसी दौरान कुछ लड़के पुलिस कर्मियों की मोबाइल से वीडियो बनाने लगे। यह देख पुलिस कर्मी नाराज हो गए और वीडियो बना रहे लड़कों को दौड़ा लिया। एक लड़क भागते हुए मंदिर की तरफ आया। पुलिस वाले मंदिर में घुस गए और मंदिर की सफाई कर रहे एक लड़के को पकड़ कर पीटने लगे। वृद्ध पुजारी टिकोरी उर्फ कोइल दास निषाद ने पुलिस कर्मियों को पीटने से रोका और कहा कि लड़का बेकसूर है। आरोप है कि इस पर पुलिस कर्मियों ने पैर से पुजारी के सीने पर प्रहार किया जिससे वह गिर पड़े। पुजारी की पत्नी उन्हें बचाने के लिए गयीं लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
पुजारी की पत्नी
इस घटना की कांग्रेस और सपा ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विश्वविजय सिंह ने कहा कि नागरिकों को जरूरी सुबिधा उपलब्ध कराने के बजाय लॉक डाउन के नाम पर इस प्रकार का कृत्य बेहद निंदनीय एवं चिंता का विषय है। सरकार मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करे।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष नगीना साहनी ने कहा कि मुख्यमंत्री के शहर में यह घटना बहुत ही दुखद व निंदनीय है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस अत्याचार अपने चरम पर है। कानून का राज नहीं रह गया है। नागरिकों के अधिकारों को कुचला जा रहा है। न तो किसी का सम्मान सुरक्षित है और न हीं किसी के जीवन की सुरक्षा है। थानों से सड़क तक पुलिस की मनमानी चल रही है। उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना पर गोरखपुर पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया गया है।