Murder mistry: क्या नकाबपोशों का मकसद लूटपाट के बजाए प्रभंजन की हत्या का था?

April 13, 2025 12:10 PM0 commentsViews: 239
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। युवा स्वर्ण व्यवसायी प्रबंजन वर्मा की हत्या का मामला पेचीदगियों से भरा है। लिहाजा संदेह की सूई कभी कहीं जा कर ठहरती है तो कभी कहीं जाकर मुडती है। इसे लेकर पुलिस भी हलकान है कि आखिर कत्ल और लूट की किस थियरी को पुख्ता मान कर जांच की दिशा तय की जाये। इस केस में एक बात तो तय है कि हत्यारे पेशेवार शूटर थे। उनका निशाना अचूक था। पहली गोली प्रभंजन की पीठ पर और दूसरी सीघे दिल के करीब मारी गई। जिससे उसके बचने की आशा ही समाप्त हो गई। हालांकि बाइक पर आगे प्रभंजन का भाई अशीष था, मगर उसे खरोच तक नहीं आई। इससे प्रतीत होता है कि हत्यारों का मकसद लूट से अधिक प्रभंजन की जान लेने का था। 

मृतक प्रभंजन वर्मा

यह मामला लूट के बजाये हत्या का इसलिए भी लगता है कि जब नकाबपोश बदमाशों ने केवल बाइक रोकने के लिये पीछे बैठे भाई को गोली मार दी तो जब दूसरे भाई ने बदमाशों से हाथा पाई की तो बदमाशों ने उससे क्यों नहीं मारा। स्वय आशीष का बयान है कि पिट्ठू बैग छीनने को लेकर उसकी बदमाशों से हाथपाई हुई। इस घटना में हत्यों के हाथ केवल 50 ग्राम सोना व डेढ किलो चांदी ही हाथ आई। मतलब यह इतनी बड़ी लूट नहीं थी कि बदमाशों को इसके लिए अकारण हत्या करनी पडें। क्योंकि इससे मामला गंभीर हो जाता है और कोई भी बदमाश बिना मजबूर हुए अकारण हत्या नहीं करना चाहता।

अब आते हैं हत्या के सवाल पर। आखिर नकाबपोशों ने पीछे बैठे प्रभंजन को गोली क्यों मारी, जबकि पिटठू बैग बाइक चालक और उसके बड़े भाई आशीष के पास था। जिसमें कैश अथवा गोल्ड होने की आशंका हो सकती थी। यही नहीं उस बैग को लेकर अशीष से छीना झपटी भी हुई, इसके बावजूद बदमाशों ने आशीष पर गोली नहीं चलाई। कुछ लोगों का मानना है कि  पुलिस को जांच की एक दिशा पारवारिक विवाद की ओर भी करनी चाहिए।  इसके अलावा उस गांव में पिछले चुनाव में राजनीतिक प्रतिद्धंदिता की बात भी सामने आया थी। पुलिस इस पहलू पर भी गौर कर रही है।

इन हालात के मद्देनजर पत्रकारों ने एसपी अभिषेक महाजन से सवाल भी किया, जिस पर उनका कहना था कि अभी इस विषय में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। बहरहाल पुलिस हर पहलू पर गौर कर छानबीन  कर रही है।कारण कुछ भी हो, मगर हत्यारे शीघ्र ही पकड़े जायेगे।

 

 

 

 

 

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