सांसद पाल के खिलाफ प्रजापति समाज उतारेगा उम्मीवार, आखिर कौन है इस विरोध के पीछे?

April 1, 2019 12:25 PM0 commentsViews: 1530
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। अखिल भारतीय प्रजापति कुम्हार संघ डुमरियागंज संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी लडायेगा। उम्मीदवार के रूप में शेष मणि प्रजापति होंगे।  संघ की विज्ञिप्ति के मुताबिक मौजूदा सांसद जगदम्बिका पाल के विरोध में यह कदम उठाया गया है। बता दें कि प्रजापति अपना दल के नेता भी रहे हैं। उम्मीदवार चुने जाने के वक्त उन्होंने अपनादल से त्यागपत्र दिया है। इसलिए इसके निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। सवाल है कि क्या यह प्रजापति समाज का अपना निर्णय है या इसके पीछे भाजपा और अपना दल का झगड़ा भी है।   

प्रजापित महासंघ द्धारा शनिवार शाम जारी प्रेसनोट में प्रजापति कुम्हार संघ ने डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल पर कुम्हारों की उपेक्षा ही नहीं शोषण का भी आरोप लगाया है। इसी को कारण बताते हुए विज्ञिप्ति में कुम्हारों के 60 हजार वोटरों से अपने समाज के उम्मीदवार शेषमणि प्रजापति को वोट देने की अपील की गई है। यहां यह भी ध्यान रखना है कि शेषमणि अपना दल के जिला प्रवकता थे और उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से इस्तीफा दिया है।

सवाल है कि शेषमणि के चुनाव लड़ने का राज क्या है? क्या वाकई पाल ने प्रजापति समाज का शोषण किया है? अगर ऐसा था तो वे सरकार के सहयोगी अपना दल एस के नेता की हैसियत से अब तक क्यों चुप रहे। उन्होंने आवाज क्यों नहीं उठाया? ऐन चुनाव के वक्त ही भाजपा से विद्रोह का झंडा क्यों बुलंद किया। राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे बड़ी राजनीतिक चाल देख रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषक क्या कहते हैं

इस बारे में राजनीतिक मामलों के जानकार जमील खान कहते हैं कि यह राजनीतिक दाव पेंच है। अपना दल के नेता व  शोहरतगढ़ विधायक चौधरी अमर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि अगर पाल को टिकट मिला तो तो वे खुल कर विरोघ करेंगे।  दूसरी तरफ अपना दल के प्रदेश युवा विंग के अध्यक्ष हेमंत पटेल यहां से अपना दल से टिकट के दावेदार थे।

जमील खान कहते हैं कि हो न हो प्रजापति को इसीलिए चुनाव लड़या जा रहा हो। चूंकि  गठबंधन के फारमूले के तहत अपना दल नेता यहां से चुनाव नहीं लड़ सकता, इसलिए शेषमणि प्रजापति का अपना दल का इस्तीफा दिला कर उनको चुनाव लड़ाया जा रहा हो।

क्या कहना है शेषमणि प्रजापति का?

प्रजापति समाज के घोषित उम्मीदवार शेषमणि प्रजापति का कहना है कि प्रजाप्रति समाज ने अपने हितों के लिए उनको अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका अब अपना दल से कोई वास्ता नहीं है। इसलिए इस प्रकरण में कोई राजनीतिक साजिश देखना गलत होगा।  वैसे शेषमणि जी कुछ भी कहें, मगर भाजपा समर्थक उनकी उम्मीदवारी को पार्टी के खिलाफ साजिश मान कर ही चल रहे हैं।

 

 

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