प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने को प्रशासन कटिबद्ध, अब तक 45 हजार लोगों को जाब मिला- सीडीओ
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों की तादाद लगभग डेड़ लाख है। मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग के अनुसार इन्हें जनपद में रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, जिसमें प्रवासी कामगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जा रहे हैं। अब तक लगभग ४५ हजार मजदूर रोजगार से जुड़ भी चुके हैं।
मुख्य विकास अधिकारी के मुताबिक जनपद में संचालित सभी योजनाओं में अपने जनपद के प्रवासी मजदूरों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जनपद में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत 35306 प्रवासी श्रमिकको रोजगार दिया गया है। इनमें सिंचाई विभाग, प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग, निर्माण खण्ड बांसी, निर्माण खण्ड-1 लोनवि, यूपी सिडकोशामिल है।
इसके अलाव जिला पंचायत द्वारा डीपीआरसी, पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत 422 श्रमिकों द्वारा राज्य वित्त/चौदहवा वित्त आयोग (आपरेशन कायाकल्प एवं अन्य कार्य), पंचायतों भवनों का निर्माण, अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण, 185 श्रमिको द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय का निर्माण तथा 140 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण संचालित योजनाओं में रोजगार दिया जा रहा है। जनपद में स्वतः रोजगार आधारित ग्राम्य विकास के अन्तर्गत एनआरएलएम के अन्तर्गत 8766 प्रवासी मजदूरों को 338 महिलाओं को समूहों से जोड़ा गया।
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अन्तर्गत मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना अन्तर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, जिला उद्योग केन्द्र के अन्तर्गत पीएमईजीपी, मुख्यमंत्री युवा स्वरोगार योजना, ओडीओपी, समाज कल्याण के अन्तर्गत टेलरिंग, नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण, लाउन्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, दिव्यांगजन सशक्तीकरण के अन्तर्गत दुकानों का संचालन, डूडा विभाग की योजनाओं के अन्तर्गत राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन तथा लीड बैंक अन्तर्गत बैंको द्वारा 400 खाते खोले गये तथा प्रवासी श्रमिकों को मुद्रा लोन तथा केसीसी योजना के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। जनपद में आने वाले सभी प्रवासी श्रमिको को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।