समाजवादी सेनानी सुरेन्द्र सिंह गुरूजी, बानगंगा नदी पर हुआ अंतिम संस्कार
निजाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर । समाजवादी आंदोलन के पुरोधा एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी रहे प्रो. सुरेंद्र सिंह उर्फ गुरुजी का अतिम संस्कार गुरुवार को शोरहरतगढ़ में बानगंगा नदी के घाट पर हुआ। जहां उनकीविता को मुखाग्नि दी गई। हजारों लोगों ने उन्हें अश्रुपरित आंखों से विदाई दी। इस अवसर लोगों की भारी तादाद में उपस्थिति रही।
जानकारी के मुताबिक गतदिवस बानगंगा नदी के घाट पर उनके पार्थिव शरीर को जलाया गया। चिता को मुखाग्नि उनके बड़े बेटे के.पी. सिंह ने दी। गुरु जी के पार्थिव शरीर को बानगंगा घाट ले जाते समय शवयात्रा में शोहरतगढ़ कस्बे के नागरिक उमड़ पड़े। इस अवसर पर डुमरियागंज सांसद जगदम्बिका पाल व युवा नेता अभय प्रताप सिंह ने कन्धा दिया।
इस अवसर पर चिता जलाए जाने तक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय , पूर्व राज्यसभा सांसद आलोक तिवारी, सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव, सपा नेता व पूर्व चेयरमैन जमील सिद्दीकी , डॉ अंसारी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर इंजीनियर एज़ाज़ अंसारी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख उग्रसेन प्रताप सिंह , हियुवा नेता शुभाष गुप्ता, राजू शाही, शैलू सिंह, प्रधान श्याम सुंदर चौधरी, नवाब खान, व शिक्षक समुदाय से प्राचार्य अरविंद प्रताप सिंह, पूर्व प्राचार्य ए.पी. चंद, समसीरुल इस्लाम, रत्नेश सोनी, पंकज सिंह, धर्मेंद्र सिंह सहित बहुत से शिक्षक कर्मचारी व नगर वासी मौजूद रहे।
बता दें कि गुरूजी का देहावसान मंगलवार की रात्रि १२ बजे गोरखपुर असस्पताल में हो गया था। वह समाजवादी आंदोलन के बड़े सेनानी रहे। प्रो. सुरेंद्र सिंह गुरु जी अन्याय और असमानता के खिलाफ सदैव डटकर खड़े रहते थे। सत्तर के शुरुआती दशक से शुरू हुआ उनका राजनैतिक/सामाजिक जीवन सिद्धांतो पर चलने का दुर्लभ उदाहरण रहा। चुनावी अंकगणित के तिकड़मों से दूर गुरुजी आजीवन सत्य और ईमानदारी के पक्ष में खड़े रहे।
वह समाजवादी पार्टी के स्थापना काल से ही उन्होंने जनपद सहित बस्ती मंडल में अनेक क्षमतावान नेतृत्व पैदा किया। नेताजी मुलायम सिंह यादव, स्मृतिशेष बृजभूषण तिवारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित जिले के सभी राजनैतिक दलों से जुड़े लोग गुरुजी का बड़ा सम्मान करते थे। उनकी वैचारिक समझ और तेवर नयी पीढ़ी के नौजवानों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती रहेगी।