प्रशासन ने जेसीबी से ढहाया अवैध मकान, ग्रामीणों ने बरसाए ईंट-पत्थर, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात
शिव श्रीवास्तव
महराजगंज।सदर तहसील के घुघली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करमही के राजस्व ग्राम धरमपुर में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में रविवार को गांव की सरकारी छवर की जमीन में बने अवैध मकानों को जेसीबी मशीन के जरिए गिराने गये तहसील प्रशासन एवं घुघली पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने उस वक्त ईंट-पत्थर की बरसा कर हमला बोल दिया और अफसरों व पुलिस बल को वहां से खदेड़ दिया। बाद में किसी प्रकार हालात पर नियंत्रण किया गया। अब वहां भारी पलिस बल तैनात है और हालात तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है।
बताया जाता है कि रविवार को पूरी फोर्स मोहम्मद जसीम, तहसीलदार न्यायिक नरेशचंद्र के नेतृत्व में करमही गांव पहुंची। उनके साथ नायब तहसीलदार नवीन निश्चल त्रिपाठी, कानूनगो ओमप्रकाश मिश्र एवं लेखपाल तथा घुघली एस ओ दिलीप सिंह आदि लोग भी थे। वे कोर्ट के आदेश के पालन के लिए वहां बुलडोजर से रामप्यारे चौधरी, हेवन्ती चौधरी, रूदल चौधरी एवं भुटेली चौधरी आदि के पक्के मकान को ढहाने लगे। इस पर गांव के अनेक लोगों ने इकट्ठे होकर पूरी टीम पर हमला बोल दिया। और सभी ईंट और पत्थरों से पूरी टीम पर पिल पड़े। इसके बाद पलिस और प्रशासन की टीम भागने लगी।
घटना की सूचना पाकर मौके पर अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक सहित सीओ सदर राजू कुमार साव,सदर, कोतवाल मनीष कुमार सिंह, घुघली थानाध्यक्ष दिलीप सिंह, चौकी इंचार्ज चिऊटहा दिनेश कुमार, चौकी इंचार्ज भिटौली सूर्यभान सिंह यादव आदि के नेतृत्व में सदर कोतवाली,कोठीभार,श्यामदेउरवा थानों की पुलिस फोर्स एवं पीएसी की एक टुकड़ी भी वहां पहुंच गई। सबने मिल कर काफी मेहनत के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया।
इस बारे में सदर तहसीलदार मोहम्मद जसीम का कहना है कि घुघली थाना क्षेत्र के विशुनपुर गबडुवा निवासी रामअशीष प्रजापति एवं धरमपुर निवासी उनकी बहन अनुसुइया पत्नी भगवंत प्रजापति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकारी छवर की जमीन की जमीन बता कर इन अवैध निर्माणों के विरुद्ध एक याचिका दाखिल की थी । हाईकोर्ट ने छवर के जमीन में कब्जे की पुष्टि होने के बाद उसे जिला प्रशासन से जमीदोंज कराने तथा जुर्माना वसूलने का आदेश दिया था।
आदेश के अनुपालन में बीते साल की 15 नवंबर को जयमंद चौधरी का ही मकान गिराया गया था। याचिकाकर्ता ने पुनःहाईकोर्ट में इसे नाकाफी बता निवेदन किया था।न्यायालय की अवमानना बता हाईकोर्ट ने संपूर्ण मकानों के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था। जिस पर आज यह कार्रवाई की गई। इसके पूर्व आरोपित लोग इस प्रकरण में जुर्माना भी भर चुके हैं तथा इन्हें पूर्व में ही नोटिस दिया जा चुका है।
वहीं अवैध मकान निर्माण करने के आरोपित ग्रामीणों रामप्यारे, हेवन्ती,जयमंद, रूदल, भुटेली, पूरन , जंत्री, जगदीश व मुरली आदि का कहना है कि हम लोग कोई अवैध कब्जा नहीं किए हैं। अपनी जमीन पर ही अपना मकान बनाएं हैं । वर्ष 2016 से ही हम सब इसका मुकदमा भी लड़ रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि मकान गिराने की कार्रवाई से पहले पुलिस एवं प्रशासन ने न तो कोई नोटिस दिया और न ही डुग्गी मुनादी ही करवाई है।जो गैरकानूनी एवं निंदनीय है। कुल मिलाकर इस समय पीएसी की एक प्लाटून, दंगा नियंत्रण वाहन एवं घुघली पुलिस समाचार लिखे जाने तक डेरा डाले हुए है।स्थिति तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में है।