पुरानी पेंशन क़े लिए शिक्षकों व कर्मचारियों ने भरी हुंकार
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। पुरानी पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पेंशनर्स अधिकार मंच क़े बैनर तले गुरूवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देकर कर्मचारियों ने हुंकार भरा और सरकार क़े खिलाफ भड़ास निकाला। अंत में विभिन्न मांगो क़ो लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री क़ो संबोधित ज्ञापन प्रशासन क़े माध्यम से प्रेषित किया गया।
धरना में वक्ताओं ने कहा कि शिक्षकों-कर्मचारियों की आवाज को सरकार लगातार अनसुना कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनपीएस कर्मचारी व शिक्षकों क़े साथ छलावा है़। सरकार क़ो पुरानी पेंशन बहाल करना ही होगा। वेतन विसंगतियों क़ो दूर नहीं किया जा रहा है़। शिक्षामित्र, अनुदेशकों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों सहित अन्य अस्थाई कर्मियों क़ो नियमित किया जाना चाहिए। सरकार क़ो शिक्षकों व कर्मचारियों क़े मांगों पर संवेदना दिखानी चाहिए।
धरने की अध्यक्षता मंच क़े संयोजक अनिल सिंह व संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेंद्र पांडेय ने किया। धरना क़ो विभिन्न संगठनों क़े ओमप्रकाश पांडेय, राम बेलास यादव, हृदय नारायण मिश्रा, सुजीत जायसवाल, राजेश श्रीवास्तव, सुधीर श्रीवास्तव, अजय गुप्ता, रवींद्र जाटव, आशुतोष मिश्रा, अरुण प्रजापति, वीरेंद्र प्रजापति, विनय कुमार श्रीवास्तव, राजेश मिश्र, राम प्रकाश मिश्रा, मयंक मिश्रा, कलीमुज्जफर, इंद्रजीत यादव, अवधेश यादव, कमलेश यादव, एसके सिंह, लालजी गौतम, आशीष सिंह, गयानंद मिश्रा, लालजी यादव, एसके सिंह, संतोष त्रिपाठी, भानु प्रताप मिश्र, सुधाकर मिश्रा, रानी सिंह आदि ने संबोधित किया। अंत में विभिन्न मांगों क़े संबंध में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री क़ो संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर विकास कश्यप क़ो सौंपा गया।
ये हैं प्रमुख मांगें —
👉 पुरानी पेंशन बहाल हो।
👉 बंद भत्तों क़ो बहाल किया जाए।
👉 शिक्षामित्रों क़ो स्थाई शिक्षक बनाया जाए।
👉 अनुदेशकों क़े मानदेय में बढ़ोत्तरी की जाए।
👉 परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं व शिक्षकों की पदोन्नति दी जाए।
👉 शिक्षकों क़ो कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
👉 विभिन्न संवर्गो की वेतन विसंगतियां दूर की जाए।
👉 लेखपालों क़े प्रशिक्षण अवधि क़ो सेवा का भाग माना जाए।
👉 रसोइयों, आशा बहुओं , आंगनबाड़ी व अन्य कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 15000 किया जाए।