पंचायत चुनावों में परिवारवाद का रहा बोलबाला, आम आदमी पार्टी ही दे सकती है ईमानदार विकल्प
नजीर मलिक
उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायत चुनावों में परिवारवाद का बोलबाला रहा। जिला पंचायत वार्डों की अधिकतर सीटों पर पहले से स्थापित नेताओं ने अपने परिवार के सदस्यों को पार्टी का समर्थित उम्मीदवार बनाया, वहीँ विभिन्न स्थापित राजनितिक दलों के नेताओं व पदाधिकारियों ने अपने ही सगे सम्बन्धियों को अपनी अपनी पार्टी का समर्थित उम्मीदवार बनाया। इन चुनावों में सभी पार्टियों के ज़मीनी कार्यकर्ताओं को निराशा ही हाथ लगी।
यह बातें आम आदमी पार्टी के नेता काजी इमरान लतीफ ने कही। कपिलवस्तु पोस्ट को दिए बयान में उन्होंने कहा है कि जो कार्यकर्ता अपने नेताओं और पार्टी के लिए दिन रात मेहनत करते हैं, उन्हें इन चुनाव में खूब उपेक्षित किया गया।
उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र ने चुनाव लड़ने का जो अधिकार पार्टी के संघर्षशील और बुनियादी कार्यकर्ताओं को दे रखा है वो अधिकार भी पार्टी के बड़े नेताओं और पदाधिकारियों ने इनसे छीन लिया।
महिलाओं के लिए भी आरक्षित सीटों पर इन्ही स्थापित नेताओं के परिवार की महिलाएं ही मैदान में उतारी गयीं। हद तो ये रही कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी इन नेताओं ने लोकतन्त्र की मान मर्यादा के परखच्चे उड़ाते हुए अपने नौकरों और ड्राईवर इत्यादि को प्रत्याशी बनाया।
आम आदमी पार्टी सभी पार्टियों की इसकी घोर निंदा करती है। सभी पार्टियों की नीयत सिर्फ पंचायतों के विकास के लिए आने वाले धन और फंड्स पर है।
लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता ने उत्तर प्रदेश में पंचायतो के विकास की निधि में मचने वाली लूट के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस ली है। पूरे प्रदेश में किसी भी स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार के विरुद्ध आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता आवाज़ उठाएगा।
1:41 PM
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काजी साहब