संगीतमयी रामकथा में वाचक स्वरूपानंद ने बताया जीवन में गुरु का महत्व
अमित श्रीवास्तव
मिश्रौलिया, सिद्धार्थनगर। बांसी विकास खण्ड के बिहरा चोराहे पर चल रहे नौ दिवसीय संगीतमयी राम कथा में कथा वाचक स्वरूपानंद जी महराज ने भगवान राम और माता सीता के विवाह की कथा का प्रसंग सुनाया।भगवान के विवाह की कथा सुन कर सभी श्रद्धालू भावविभोर हो गए।
कथावाचक ने बताया कि भगवान अपने की रक्षा करते हैं और भक्तो की मनोकामना को भी पूरा करते हैं। जब जब धरती पर अत्याचार व अनाचार बढ़ा है भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होकर अपने भक्तों की रक्षा की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि रावण ने प्राणियों के साथ अत्याचार करना शुरू किया तो राजा दशरथ के घर भगवान राम ने अवतरित होकर रावण का संहार किया। भगवान राम के विवाह की कथा के दौरान स्वयंबर में धनुष तोड़ने और भगवान राम व माता सीता की मनमोहक झांकी भी कलाकारों ने प्रस्तुत की।कथा वाचक ने कहा कि मनुष्य के जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है।
उन्होंने कहा कि हमेशा गुरु का सम्मान करना चाहिए। भगवान राम के विवाह में आये भक्तो ने नाच गाकर खुशियां मनायी। कथा के दौरान सुग्रीव, अमित श्रीवास्तव, नरेन्द्र मणि, शैलेन्द्र, धनई प्रसाद,शिवचन्द्र शुक्ल,सुरेन्द्र पाण्डेय,सच्चिदानन्द,आदित्य शुक्ल,अखिलेश शुक्ल,माधव श्याम शुक्ला,दिनेश चन्द्र शुक्ल, रामनाथ शुक्ल, राम शंकर शुक्ल, आशुतोष, मुकेश, बिहारी, अजय, रामनयन, प्रमोद सहित तमाम भक्त मौजूद रहे।